Chhattisgarh News : जिला अस्पताल में सालभर से बंद है ऑपरेशन, विभाग की लेटरबाजी में कहीं खराब न हो जाएं मशीनें

कोरिया जिला अस्पताल (District Hospital Korea) में कोरिया, मनेंद्रगढ़, चिरमिरी, कोटाडोल समेत सूरजपुर जिले के मरीज इलाज कराने आते हैं, लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते सालभर से यहां ऑपरेशन बंद है. ऑपरेशन थियेटर निजी डॉक्टरों (Private Doctors) के भरोसे हैं, जिसका खामियाजा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को उठाना पड़ रहा है.

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कोरिया:

Chhattisgarh News : कोरिया जिला अस्पताल (District Hospital Korea) में कोरिया, मनेंद्रगढ़, चिरमिरी, कोटाडोल समेत सूरजपुर जिले के मरीज इलाज कराने आते हैं, लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी के चलते सालभर से यहां ऑपरेशन बंद है. ऑपरेशन थियेटर निजी डॉक्टरों (Private Doctors) के भरोसे हैं, जिसका खामियाजा आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को उठाना पड़ रहा है. जिला अस्पताल में सर्जन नहीं हैं. इसके बाद भी स्वास्थ्य विभाग काे कोई परवाह नहीं है. ऑपरेशन बंद होने से मरीजों के सामने बड़ा संकट खड़ा हो गया है.

लेटरबाजी हो रही है लेकिन इंतजाम नहीं

इस हॉस्पिटल में एनेस्थीसिया डॉक्टर की कमी भी काफी समय से बनी हुई है. डॉक्टरों की नियुक्ति को लेकर लेटरबाजी हो रही है, लेकिन इंतजाम नहीं हुआ. अस्पताल में पहले डॉ शर्मा सर्जन थे, लेकिन उनका ट्रांसफर हो गया. दूसरे डॉक्टर की नियुक्ति नहीं होने की वजह से बड़े ऑपरेशन रुक गए हैं.

स्वास्थ्य विभाग कई महीनों से नियुक्ति का आश्वासन दे रहा है पर शासन स्तर से नियुक्ति नहीं हो रही है. बड़े ऑपरेशन नहीं होने के कारण मरीजों को अंबिकापुर रेफर करना पड़ रहा है. 

जिलेवासियाें का आरोप है कि सरकार काेरिया के साथ भेद-भाव पूर्ण रवैया अपना रही है.

सरकारी अस्पताल में दी जा रही है प्राइवेट हॉस्टिपटल में जाने की सलाह

बता दें कि इस जिला अस्पताल में रोजाना औसतन 300 से 400 मरीज आते हैं, इनमें रोज 4-5 मरीजों को ऑपरेशन की जरूरत पड़ती है. सर्जन की कमी से सिजेरियन डिलीवरी में भी दिक्कत हो रही है. डॉक्टर न होने के कारण मरीजों को लौटना पड़ रहा है. यह समस्या लगभग एक साल से बनी हुई है. लेकिन डॉक्टर को नियुक्त करने का ख्याल स्वास्थ्य विभाग को नहीं आया. नतीजतन अस्पताल कर्मी मरीजों को निजी अस्पताल में जाने की सलाह दे देते हैं.

लंबे समय से बंद पड़े OT की मशीनें खराब होने का है डर

जिला अस्पताल में ऑपरेशन थियेटर निजी डॉक्टरों के भरोसे हैं. डॉ शर्मा के ट्रांसफर के बाद नई नियुक्ति को लेकर संशय हो गया. सबसे बड़ी बात यह है कि ओटी में कई महंगे उपकरण लगे हुए हैं. लंबे समय तक मशीनों के बंद रहने या नियमित इस्तेमाल नहीं होने से इसके खराब होने का डर है. इमरजेंसी में रोगी आए तो उसे तत्काल लाभ नहीं मिल रहा है. माइनर ऑपरेशन थियेटर में ही डॉक्टर मरीजों को देख रहे हैं. मेजर ऑपरेशन के लिए निजी डॉक्टरों से समय लेना पड़ रहा है.

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सीएमएचओ का क्या कहना है?

इस मामले में जब सीएमएचओ डॉ आर एस सेंगर से बात हुई तो उन्होंने कहा कि इसे लेकर प्रयास चल रहे हैं लेकिन अभी तक नियुक्ति नहीं हुई है.

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