छत्तीसगढ़ के सूरजपुर वन परिक्षेत्र के धरमपुर चिकनी गांव में बीती रात दिल दहला देने वाली घटना सामने आई, जहां गुड़ फैक्ट्री के पास झोपड़ी में सो रहे एक प्रवासी मजदूर परिवार पर हाथी ने हमला कर दिया. इस हमले में 40 दिन के मासूम बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि बच्चे की मां घायल हो गई. परिवार मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर का रहने वाला है और स्थानीय गुड़ फैक्ट्री में मजदूरी करता है.
जानकारी के अनुसार, सोमवार देर रात करीब 1 बजे सोनगरा जंगल की ओर से एक अकेला हाथी दल से भटककर धरमपुर क्षेत्र में पहुंचा. बताया जा रहा है कि हाथी गुड़ फैक्ट्री से उठने वाली गंध से आकर्षित होकर फैक्ट्री परिसर तक आया. फैक्ट्री पास में मजदूर ज्ञानी अपनी पत्नी और नवजात बच्चे के साथ अस्थायी झोपड़ी बनाकर रह रहा था. अचानक हाथी ने झोपड़ी को तोड़ना शुरू कर दिया, जान बचाने के लिए माता पिता किसी तरह झोपड़ी से बाहर भागे, इस दौरान महिला गिरकर घायल हो गई. इसी बीच 40 दिन का मासूम बच्चा हाथी के हमले में दब गया, जिससे उसकी मौके पर ही मौत हो गई. घटना के बाद गांव में दहशत का माहौल है.
परिवार को दी गई 25 हजार की सहायता
घटना की सूचना पर वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे और हालात का जायजा लिया. वन विभाग का कहना है कि क्षेत्र में हाथी की मौजूदगी को लेकर पहले ही मुनादी करवा दी गई थी. इसकी जानकारी गुड़ फैक्ट्री प्रबंधन, मैनेजर पैकरा को भी थी. इसके बावजूद मजदूरों को सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट नहीं किया गया. इस लापरवाही के चलते यह दुखद हादसा हो गया. वन अधिकारियों ने तत्काल राहत के रूप में पीड़ित परिवार को 25,000 रुपए की सहायता राशि प्रदान की है.
तो टल सकता था हादसा
ग्रामीणों का कहना है कि इलाके में हाथियों की लगातार आवाजाही बढ़ रही है. लोगों के बचाव के लिए वन विभाग को सख्त कदम उठाने की जरूरत है, जिससे भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके. स्थानीय लोगों ने कहा कि अगर, समय रहते मजदूर परिवार को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया जाता तो शायद यह घटना टल सकती थी. घायल महिला का अस्पताल में इलाज चल रहा है.