गरियाबंद में फैले डेंटल फ्लोरोसिस मामले में हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान, छत्तीसगढ़ सरकार से मांगा जवाब

CG News: गरियाबंद में फैले डेंटल फ्लोरोसिस मामले में छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने संज्ञान लेते हुए सरकार से जवाब मांगा है. बता दें कि फ्लोरोसिस को कंट्रोल करने के लिए गरियाबंद के 40 गांवों में 6 करोड़ की लागत से प्लांट लगाए गए, लेकिन वह कुछ महीने में ही बंद हो गए.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
फाइल फोटो

Dental Fluorosis in Gariaband: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के गरियाबंद जिले (Gariaband) के ग्रामीण इलाके में बच्चे डेंटल फ्लोरोसिस का शिकार हो रहे हैं. ये बीमारी पानी में फ्लोराइड की ज्यादा मात्रा (High Level of Fluoride in Water) से होती है. इसको कंट्रोल करने के लिए जिले के 40 गांवों में 6 करोड़ की लागत से प्लांट लगाए गए, लेकिन वह कुछ महीने में ही बंद हो गए. छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट (Chhattisgarh High Court) ने इस मामले में संज्ञान लिया है. मामले में नोटिस के बाद अपने जवाब में शासन ने कहा कि इसकी जानकारी लेकर उचित कार्रवाई होगी और जवाब पेश किया जाएगा.

हाई कोर्ट (Bilaspur High Court) ने इस मामले में स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण विभाग के सचिव को दो सप्ताह में व्यक्तिगत शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई 14 अगस्त को होनी है.

Advertisement

हर गांव से 50 से 60 बच्चे फ्लोरोसिस से पीड़ित

दरअसल, गरियाबंद जिले के फ्लोरोसिस प्रभावित गांवों में हर साल 100 से ज्यादा स्कूली छात्रों को डेंटल फ्लोरोसिस होता है. इन गांवों में 50 से 60 बच्चे डेंटल फ्लोरोसिस से ग्रसित मिल रहे हैं. वहीं देवभोग ब्लॉक के गांवों में कुल पीड़ितों की संख्या 2 हजार से भी ज्यादा है. साल 2016 में शासन-प्रशासन को जांच में फ्लोराइड ज्यादा होने की जानकारी लगी. देवभोग ब्लॉक के 40 गांव के स्कूलों में जो पेयजल सप्लाई हो रही है, वहां 8 गुना तक ज्यादा फ्लोराइड था. प्रशासन ने कार्य योजना बना कर सभी प्रभावित स्कूलों में फ्लोराइड रिमूवल प्लांट लगाने का फैसला लिया है.

Advertisement

यह भी पढ़ें - Bilaspur: PSC घोटाले को लेकर कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला के घर CBI का छापा, बेटे का हुआ था सेलेक्शन

Advertisement

यह भी पढ़ें - Paris Olympic: भारतीय पहलवान विनेश फोगाट अयोग्य घोषित, फाइनल मुकाबले से पहले भारत की उम्मीदें टूटीं