छत्तीसगढ़ में शराब और सियासत का पुराना नाता! कांग्रेस का आरोप- BJP सरकार में खुलीं दारू की 700 नई दुकानें

Chhattisgarh Liquor Scam: छत्तीसगढ़ में शराब और सियासत का पुराना नाता है. चुनावों में शराबबंदी बड़ा मुद्दा तो रहती ही है, लेकिन बगैर चुनावी मौसम भी राज्य में शराब पर सियासत होती रहती है. ताजा मामला राज्य में शराब की दुकानों को लेकर गर्म है.

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Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में शराब और सियासत का चोली-दामन का नाता है. शराबबंदी की मांग और शराब घोटाला को लेकर सत्ता और विपक्ष के बीच चल रहे आरोप-प्रत्यारोपों के बीच अब शराब की नई दुकानों को लेकर सियासत शुरू हो गई है. कांग्रेस का आरोप है कि राज्य में विष्णुदेव साय सरकार बनने के 15 महीने के भीतर ही 700 नई शराब की दुकानें खोल दी गई हैं.

छत्तीसगढ़ में कथित 2100 करोड़ से अधिक रुपयों के शराब घोटाला (CG Liquor Scam Case) मामले में पूर्व सीएम भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) ईडी की रडार पर हैं. पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा जेल में हैं. कई कांग्रेसी नेता केंद्रीय जांच एजेंसियों की रडार पर हैं.

कांग्रेस ने लगाया ये आरोप

हालांकि कांग्रेस का आरोप है कि नई सरकार बनने के बाद राज्य के खजाने को आर्थिक चोट पहुंचाया जा रहा है. 1 साल के भीतर दो बार शराब की कीमतों में 10 रुपये से लेकर 200 रुपये तक की वृद्धि की गई. वहीं, शराब सस्ती करने के नाम से राज्य को मिलने वाले 9.5% एडिशनल एक्साइज ड्यूटी को हटाया गया, जिससे प्रदेश के खजाने को 200 करोड़ रुपये का नुकसान होगा.

छत्तीसगढ़ में शराब से जुड़े आंकड़े

  • नेशनल फैमिली हेल्थ सर्वे की एक रिपोर्ट के अनुसर, छत्तीसगढ़ में 34 प्रतिशत पुरुष और 5 प्रतिशत महिलाएं शराब पीती हैं.
  • रिपोर्ट के अनुसार, भारत में आबादी के आधार पर औसतन सबसे ज्यादा शराब छत्तीसगढ़ में खपत होती है.
  • छत्तीसगढ़ सरकार के आंकड़ों के मुताबिक साल 2021-22 में लगभग  5,500 करोड़ रुपये का राजस्व शराब से हुआ.
  • साल 2022-23 में यह आंकड़ा बढ़कर लगभग 6,000 करोड़ रुपये पहुंचा.
  • साल 2023-24 में राजस्व में फिर बढ़ोतरी हुई और करीब 6 हजार 500 रुपये की इनकम शराब से हुई.
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