CG Election Result 2023: शुरुआती रुझानों में जीत रही कांग्रेस कैसे अचानक हार गई? बस्तर, सरगुजा व रायपुर बना टर्निंग प्वाइंट

Chhattisgarh Election Results: बस्तर और सरगुजा में मिली जीत को रायपुर ने और बड़ी कर दी. दरअसल, राजधानी रायपुर की 7 विधानसभा सीटों में से सभी पर भाजपा ने जीत दर्ज कर ली है, जबकि 2018 के परिणाम में 7 में 6 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी.  2018 में रायपुर की एक मात्र सीट रायपुर दक्षिण से भाजपा के कद्दावर नेता बृजमोहन अग्रवाल ही जीत पाए थे.

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Chhattisgarh Election Results 2023: उम्मीदों के मुताबिक छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के शुरुआती रुझान में कांग्रेस (Congress) आगे चल रही थी, लेकिन बस्तर (Bastar), सरगुजा (Sarguja) और रायपुर (Raipur) ने इस चुनाव का पासा ही पलट दिया. कांग्रेस की इस हार में सबसे बड़ी भूमिका जशपुर, बस्तर और रायपुर की रही.

2018 के चुनाव में बस्तर और सरगुजा ने कांग्रेस का जबरदस्त साथ दिया था. इसी दम पर पार्टी 90 में से 68 सीटें जीतकर सत्ता पर काबिज हुई थी. तब बस्तर की 12 में से 11 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. वहीं, सरगुजा की 14 में 14 सीटें कांग्रेस जीतने में कामयाब रही थी. इसके उलट इस बार इन दोनों ही संभागों के चुनाव परिणाम भाजपा के पक्ष में आए हैं. बस्तर की 12 में 8 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की है. वहीं, सरगुजा की सभी 14 सीटें इस बार भाजपा ने अपनी झोली में डाल ली है. वहीं, रायपुर की 7 में से सभी 7 सीटें भाजपा ने जीत ली है.

सत्ता वापसी के लिहाज से सबसे सेफ राज्य छत्तीसगढ़ में भाजपा की सरकार बनने जा रही है. भाजपा ने अपने पिछले सभी रिकॉर्ड को ध्वस्त करते हुए 54 विधानसभा सीटों पर जीत दर्ज की है. वहीं, कांग्रेस ने अपने 71 विधायकों के आंकड़े की आधी सीट भी नहीं जीत पाई. कांग्रेस इस बार यहां मात्र 35 सीटों पर सिमट कर रह गई है. इसके अलावा, गोंडवाना गणतंत्र पार्टी को यहां एक सीट पर जीत मिली है. कांग्रेस की हार के साथ ही मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्यपालल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है. 

कांग्रेस की जीत के रुझान इस तरह बदल गए हार में

रविवार की सुबह जैसे ही मतगणना शुरू हुई, तो पोस्टल बैलट की गिनती के रुझान में कांग्रेस को बढ़त मिलनी शुरू हो गई. लोगों को लगा कि एग्जिट पोल के रुझान के जैसे ही परिणाम आएंगे. लेकिन, मतगणना के दो घंटे बाद खबर आई कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पाटन से पीछे चल रहे हैं. इसके बाद कोंटा से आबकारी मंत्री कवासी लखमा और उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव के पिछड़ने की खबर आई. इसके बाद कांग्रेस की संख्या लगातार गिरने लगी और दोपहर होते-होते भाजपा के पक्ष में माहौल बदल गया. हालांकि, भूपेश बघेल और कवासी लखमा तो जीत गए,  लेकिन उप मुख्यमंत्री टीएस सिंह देव 94 मतों से हार गए.

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बस्तर और सरगुजा ने उम्मीदों पर फेरा पानी

2018 के चुनाव में बस्तर और सरगुजा ने कांग्रेस का जबर्दस्त साथ दिया था. बस्तर की 12 में  से 11 सीटें कांग्रेस ने जीती थी. वहीं, सरगुजा की 14 में से 14 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी. इससे उलट इस चुनाव में इन दोनों ही संभागों से भाजपा के पक्ष में नतीजे आए हैं. बस्तर की 12 में 8 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की है और सरगुजा की सभी 14 सीटें भाजपा ने जीत ली है.

रायपुर जिले ने भाजपा की जीत को बनाया शानदार

बस्तर और सरगुजा में मिली जीत को रायपुर ने और बड़ी कर दी. दरअसल, राजधानी रायपुर की 7 विधानसभा सीटों में से सभी पर भाजपा ने जीत दर्ज कर ली है, जबकि 2018 के परिणाम में 7 में 6 सीटों पर कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी.  2018 में रायपुर की एक मात्र सीट रायपुर दक्षिण से भाजपा के कद्दावर नेता बृजमोहन अग्रवाल ही जीत पाए थे.

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बघेल सरकार के 9 मंत्री हारे

इस चुनाव में बड़ा उलटफेर देखने को मिला है. पार्टी की हार के साथ ही पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज और भूपेश कैबिनेट के 9 मंत्री को भी हार का मुंह देखना पड़ा है. मतगणना के पहले किसी ने ये नहीं सोचा था कि कांग्रेस के 9 मंत्री और पीसीसी अध्यक्ष भी हार सकते हैं. लेकिन, जैसे ही रुझान आगे बढ़ा, तो कैबिनेट मंत्री मोहन मरकाम कोंडागांव से, ताम्रध्वज साहू दुर्ग ग्रामीण से, रवींद्र चौबे  साजा से, पिछले चुनाव में सबसे ज्यादा मतों से जीतने वाले मोहम्मद अकबर कवर्धा से, रुद्रगुरु नवागढ़ से, शिव डेहरिया आरंग से , जयसिंग अग्रवाल कोरबा से , अमरजीत भगत सीतापुर से और टीएस सिंहदेव अम्बिकापुर से पिछड़ने लगे. इसके साथ ही प्रदेश की कांग्रेस की जीत हार में बदलने लगी और भाजपा प्रचंड बहुमत की तरफ बढ़ गई. 

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