CG Election Result: कांग्रेस को भारी पड़ी राजधानी रायपुर की अनदेखी, इसलिए जनता ने 6 सीटों से जीरो पर पहुंचाया

Election Results: पांच साल तक राज्य में कांग्रेस की सरकार रहने के बाद भी उस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया, जिसे जनता बहुत ही बारीकी से देख रही थी. यही वजह है कि चुनाव में मौका मिलते ही रायपुर में कोई नया काम होने से नाराज जनता ने कांग्रेस को नकार दिया.

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Chhattisgarh Election Results 2023: राजधानी रायपुर की सभी 7 सीटों पर भाजपा को जीत मिली है. रायपुर दक्षिण से बृजमोहन अग्रवाल 8वीं बार 60 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से जीतने में सफल रहे. ऐसे सवाल पैदा होता है कि आखिर ऐसा क्या हुआ कि रायपुर की 7 में से 6 सीट जीतने वाली कांग्रेस जीरो पर पहुंच गई है. इसी का जवाब तलाशते वक्त भाजपा की जीत की 3 बड़ी वजहें सामने आई हैं. आइए, आइएस जानते हैं क्या हैं, वे तीन कारण.

राजधानी क्षेत्र में इंफ्रास्ट्रक्चर की अनदेखी

दरअसल, छ्त्तीसगढ़ में 2003 में भाजपा की सरकार बनने के बाद से राजधानी रायपुर में खूब विकास कार्य हुआ. सामान्य सा दिखने वाला रायपुर शहर मेट्रो शहर की तरफ बढ़ने लगा था. भाजपा के तीसरे कार्यकाल में स्काई वॉक तक बनना शुरू हो गया था, लेकिन कांग्रेस की सरकार ने उसे रोक दिया. पांच साल तक राज्य में कांग्रेस की सरकार रहने के बाद भी उस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया, जिसे जनता बहुत ही बारीकी से देख रही थी. यही वजह है कि चुनाव में मौका मिलते ही रायपुर में कोई नया काम होने से नाराज जनता ने कांग्रेस को नकार दिया.

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महापौर एजाज ढेबर को लेकर भाजपा का नैरेटिव भी कर गया काम

रायपुर के मेयर एजाज ढेबर को लेकर भाजपा लगातार आंदोलन कर ये बताने की कोशिश में रही कि ढेबर के लोगों का राजधानी रायपुर में आतंक बढ़ गया है. भाजपा ने आरोप लगाया था कि शहर में रेत और शराब से लेकर कोयला कारोबार में ढेबर परिवार लगा हुआ है. भाजपा के इस नैरेटिव पर ED की कार्रवाई से भी मुहर लग गई थी. भाजपा ने आरोप लगाया कि एजाज ढेबर रायपुर के आउटर में मुस्लिमों को बसा रहे हैं, जिसकी वजह से ध्रुवीकरण हुआ और भाजपा यहां की सभी 7 सीटों पर जीत हासिल करने में कामयाब हो गई.

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कांग्रेस के हिंदुत्व को जनता ने नकारा

छ्त्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद कांग्रेस ने हिंदुत्व के एजेंडे पर काम करते हुए राम वन गमन पथ और माता कौशल्या के मंदिर का निर्माण कराया था. रायपुर की 7 सात सीट 3 पर ब्राम्हण प्रत्याशी उतारे, जिसमें से एक रायपुर दक्षिण से महंत राम सुंदर दास को बृजमोहन अग्रवाल के खिलाफ खड़ा किया गया, लेकिन इसके बावजूद बृजमोहन रिकॉर्ड मतों से जीत दर्ज की. यानी जनता ने कांग्रेस के हिंदुत्व को को नकार दिया.

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