छत्तीसगढ़ की दीदियां बनीं आत्मनिर्भरता की ब्रांड एंबेसडर, CM बोले- 8 लाख महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य

छत्तीसगढ़ की मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि उनकी सरकार का लक्ष्य वर्ष 2027 तक राज्य की 8 लाख महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना है. इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सरकार विभिन्न कदम उठा रही है.

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महिलाएं आज जीवन के हर क्षेत्र में सफलता के नए आयाम गढ़ रही हैं. तकनीक ने पूरी दुनिया के उत्पादों को फिंगरटिप्स पर ला दिया है और अब डिजिटल माध्यम से वैश्विक बाजार तक पहुंचना संभव हो गया है. इसी उद्देश्य से बिहान की दीदियों को डिजिटल प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि छत्तीसगढ़ के उत्पाद देश और दुनिया के बाजारों तक पहुंच सकें. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शुक्रवार को रायपुर के शहीद स्मारक भवन में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग तथा पॉलिसी वॉच द्वारा आयोजित बिहान दीदियों के प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही.

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मुख्यमंत्री साय ने कहा कि नवरात्रि का पर्व हमारी संस्कृति में नारी शक्ति के सम्मान और पूजन का प्रतीक है. जहां नारी का सम्मान होता है, वहीं देवताओं का वास माना जाता है. उन्होंने कहा कि प्रदेश की महिलाएं इतिहास रच रही हैं. बिहान की बहनों की कामयाबी हमें गर्व से भर देती है. छत्तीसगढ़ की दीदियां अब आत्मनिर्भरता की ब्रांड एंबेसडर बन रही हैं. लखपति दीदियां सपनों को नए पंख दे रही हैं और आज उन्हें डिजिटली सक्षम बनाकर उनके उत्पादों को वैश्विक बाजार से जोड़ने का कार्य किया जा रहा है.

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यदि हम संकल्प लेकर आगे बढ़ें तो सफलता निश्चित है. केंद्र और राज्य सरकार मिलकर महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए निरंतर कार्य कर रही हैं. वर्ष 2027 तक देशभर में 3 करोड़ और छत्तीसगढ़ में 8 लाख महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. उन्होंने बताया कि जशपुर जैसे जिलों में महुआ आधारित उत्पाद तैयार हो रहे हैं, जिन्हें ‘जशप्योर' ब्रांड के रूप में राष्ट्रीय पहचान मिली है. कोरोना काल में महुआ से सैनिटाइज़र बनाकर महिलाओं ने अपनी क्षमता और नवाचार का परिचय दिया था. सरकार आगे भी इनका सहयोग करेगी.

महिलाओं ने साझा किया लखपति बनने का शानदार सफर

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने लखपति दीदी बनने की प्रेरक कहानियां सुनीं. बलरामपुर जिले के तारकेश्वरपुर की पूनम गुप्ता ने बताया कि सरस्वती महिला स्व-सहायता समूह से जुड़ने के बाद उनके जीवन में बड़ा बदलाव आया. प्रशासन के सहयोग से किराना दुकान खोली, आटा चक्की स्थापित की और अब पिकअप व ट्रैक्टर खरीदकर व्यवसाय को विस्तार दिया है.

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गरियाबंद की हेमिन साहू ने बताया कि एक समय सब्जी खरीदने तक में कठिनाई होती थी. बिहान से लोन लेकर आचार-पापड़ का व्यवसाय शुरू किया, जो अब राजिम में दुकान तक पहुंच चुका है. आज उन्हें प्रतिदिन लगभग 4 हजार रुपए की आय हो रही है। हाल ही दिल्ली के सरस मेले में उन्होंने 2 लाख 31 हजार रुपये की बिक्री की.

गीता वैष्णव ने कहा कि पहले उन्हें 10 रुपये के लिए हाथ फैलाना पड़ता था, लेकिन बिहान के माध्यम से मां वैभवलक्ष्मी स्व-सहायता समूह से जुड़कर उन्होंने आचार-पापड़ व्यवसाय शुरू किया. अब वे अपनी कमाई से बेटे को सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनाने का सपना पूरा कर रही हैं.

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मुख्यमंत्री ने बिहान दीदियों के स्टॉलों का किया निरीक्षण

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने शहीद स्मारक भवन परिसर में पॉलिसी वॉच इंडिया फाउंडेशन द्वारा लगाए गए बिहान दीदियों के स्टॉलों का अवलोकन किया. उन्होंने विभिन्न स्व-सहायता समूहों की महिलाओं से चर्चा कर उनके उत्पादों और आजीविका गतिविधियों की जानकारी ली.

इस दौरान उन्होंने भारत माता संकुल, डोंगरगांव की महिलाओं से साहीवाल और गिर गाय के A2 मिल्क से निर्मित घी की खरीदारी की. समूह की श्रीमती दिनेश्वरी साहू ने बताया कि उनके पास 25 से 30 गाएं हैं, जिनसे डेयरी उत्पाद तैयार कर महिलाएं अच्छी आय कमा रही हैं.

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जालाग्राम संगठन, सेरीखेड़ी की खिलेश्वरी मधुकर ने बताया कि उनके समूह की महिलाएं फिनायल, धूपबत्ती, मोमबत्ती, कुकीज़ और ग्लिसरीन सोप बनाकर आत्मनिर्भर बन रही हैं.

वहीं जय माँ भवानी स्व-सहायता समूह, मुंदगांव (डोंगरगढ़) की लक्ष्मी गंधर्व ने मुख्यमंत्री को अगरवुड का पौधा भेंट किया और बताया कि अगरवुड से बनने वाले तेल की कीमत लाखों रुपये होती है. इसका उपयोग अगरबत्ती, परफ्यूम और एसेंशियल ऑयल निर्माण में किया जाता है.

राष्ट्रीय पहचान की ओर बिहान की दीदियां

उल्लेखनीय है कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग और पॉलिसी वॉच के संयुक्त तत्वाधान में बिहान की दीदियों के लिए विशेष कार्यशाला आयोजित की गई है. इसके अंतर्गत स्व-सहायता समूह की महिलाएं अपने उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय प्लेटफ़ॉर्म पर बेच सकेंगी. उन्हें प्रोडक्ट की ब्रांडिंग, कास्टिंग और पैकेजिंग जैसी बारीकियों का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा.