Dhan Kharidi News: रखे-रखे ही गायब हो गए 3 हजार 6 सौ क्विंटल धान, समिति प्रबंधकों ने दिया गजब का तर्क

Dhan Kharidi News: गरियाबंद जिले के दर्जनभर से अधिक धान खरीदी केंद्रों से 6 हजार 368 सौ से क्विंटल धान जमा होना शेष है. लेकिन, इससे पहले ही इसमें से फिंगेश्वर ब्लॉक के 8 धान केंद्रों से लगभग 3 हजार 6 सौ क्विंटल धान गायब होने का मामला सामने आया है.

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Chhattisgarh Dhan Kharidi News: छत्तीसगढ़ सरकार (Chhattisgarh Government) ने किसानों से समर्थन मूल्य पर धान खरीद कर खूब वाहवाही बटोरी थी, लेकिन धान का समय से उठान नहीं होने पर धान की बर्बादी और घोटाले का खेल चल रहा है. ताजा मामला गरियाबंद (Gariyaband) जिले का है. दरअसल, गरियाबंद जिले के दर्जनभर से अधिक धान खरीदी केंद्रों से 6 हजार 368 सौ से क्विंटल धान जमा होना शेष है. लेकिन, इससे पहले ही इसमें से फिंगेश्वर (Fingeshwar) ब्लॉक के 8 धान केंद्रों से लगभग 3 हजार 6 सौ क्विंटल धान गायब होने का मामला सामने आया है. गायब हुए धान की कीमत करीब  एक करोड़ से भी अधिक होने का अनुमान लगाया जा रहा है.

यह मामला सामने आने पर कार्यालय सहायक आयुक्त ने नोटिस जारी कर फिंगेश्वर, कोपरा, बेलर, कौंदकेरा, चरौदा, परसदा कला, फुलकर्रा बिनौरी भाटा के प्रबंधकों को तीन दिन के अंदर धान के मिलान करने का आदेश जारी किया है. धान का मिलान नहीं होने पर छत्तीसगढ़ सहकारी सोसायटी अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई करने की चेतावनी भी दी गई. ऑनलाइन रिपोर्ट में इन समितियों में धान की मात्रा कम पाई गई है. उसके बाद सभी 8 समिति प्रबंधकों को नोटिस जारी कर तीन दिवस के भीतर जवाब मांगा गया है. धान का निराकरण नहीं करने पर समिति प्रबंधकों पर निलंबन और वसूली की कार्रवाई की जा सकती है.

समिति प्रबंधकों ने अलापा सूखत का राग

वहीं, समिति प्रबंधकों का कहना है कि समय पर धान का उठाव नहीं हो पाने के कारण धान में सूखत आ गया, जिससे खरीदी किए गए धान में कमी हो गई. इसकी पूरी जिम्मेदारी विपणन संघ विभाग और डीएमओ की है. वहीं, सहायक आयुक्त उषा ध्रुव ने बताया कि सबको धान मिलान करने और भरपाई करने के लिए नोटिस जारी किया गया है. आगे की कार्रवाई उच्च अधिकारियों के मार्गदर्शन में की जाएगी, लेकिन सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर इतने धान कहा गए. क्या वे सूखत में आने के कारण कम दिखाई दे रहे हैं, या फिर कोई बड़ा नेटवर्क इसके पीछे लगा हुआ है. यह तो अब आने वाले समय में ही पता चलेगा कि समिति प्रबंधक अब डीएमओ के ऊपर ही आरोप लगाकर अपना पल्ला झाड़ते दिखाई दे रहे हैं.

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उन्होंने कहा कि हमने समितियों को नोटिस जारी किया है. जहां-जहां स्वेच्छा से भरपाई कर सकते हैं. वहां करेंगे और अगर भरपाई नहीं होती है, तब देखा जाएगा कि लेखा मिलन में सुखद की श्रेणी में आता है, तो जैसा हेड क्वार्टर से निर्देश मिलेगा, उस आधार पर कार्रवाई की जाएगी.

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