Kedar Kashyap: पिता की सियासत को आगे बढ़ा रहे हैं केदार, मिली विष्णु कैबिनेट में जगह

Kedar Kashyap: छत्तीसगढ़ में कैबिनेट का विस्तार हुआ है. मंत्री पद की रेस में शामिल नारायणपुर के विधायक केदार कश्यप को भी विष्णु कैबिनेट में जगह मिली है. 

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Kedar Kashyap Profile: छत्तीसगढ़ में  मंत्रिमंडल का गठन हुआ, शुक्रवार को मंत्रियों ने पद और गोपनीयता की शपथ ले ली है. Narayanpur विधानसभा सीट से विधायक बने केदार कश्यप (Kedar Kashyap)को विष्णु कैबिनेट में भी जगह मिली है. Bastarके इकलौते विधायक हैं, जिन्हें मंत्री बनाया गया है. 

जानिए इनके बारे में 

दरअसल, केदार कश्यप (Kedar Kashyap) भाजपा के दिवंगत नेता बलिराम कश्यप के बेटे हैं. बलिराम Bastar के कद्दावर नेता रहे हैं. पिता की सियासत को केदार ने आगे बढ़ाया. साल 2003 में केदार ने नारायणपुर विधानसभा से पहली बार चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की थी. जीत का सिलसिला साल 2008 और साल 2013 में भी बरकरार रहा. साल 2013 में रमन सरकार में इन्हें मंत्री बनाया गया था. हालांकि, 2018 में हार के बाद 2023 में करीब 18 हजार से ज्यादा मतों से जीत दर्ज कर चौथी बार MLA और तीसरी बार मंत्री बने हैं.

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 केदार के मंत्री बनने की वजह 

केदार कश्यप बस्तर में BJP के वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं. बलिराम कश्यप की मौत के बाद बस्तर की सारी 12 विधानसभा सीटों में लीडरशिप की. भले ही 2018 में करारी हार मिली लेकिन संगठन को बिखरने नहीं दिया. विपक्ष में रहते हुए भी एक आदिवासी नेता के रूप में उभरे. साल 2003 से 2023 तक अपनी सीट से कुल 4 बार चुनाव जीते हैं. जबकि साल 2018 के चुनाव में इन्हे हार का सामना करना पड़ा था.  विपक्ष में रहते सरकार पर आदिवासियों का धर्म बदलवाने का आरोप लगाया. इस चुनाव बस्तर की 12 में से 8 सीटों को जितवाने में बड़ी भूमिका निभाई. 

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विवादों में भी रहे 

मंत्री रहते केदार का विवादों से भी नाता रहा था. केदार कश्यप शिक्षा मंत्री थे, तब इन पर आरोप लगा था कि  एमए अंग्रेजी के एग्जाम में पत्नी की जगह किसी और को बैठाया था. यह मामला जमकर सुर्खियों में आया था. उस समय विपक्ष में रही कांग्रेस ने इस मामले को जबरदस्त उठाया था. हालांकि, बाद में केदार कश्यप ने भी अपनी चुप्पी तोड़ी थी और उन्होंने बयान दिया था कि, उनकी पत्नी ने तो एग्जाम के लिए फॉर्म ही नहीं भरा है. 

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