चर्चित IAS से मंत्री तक... जानें कौन हैं ओपी चौधरी, जिन्हें छत्तीसगढ़ कैबिनेट में किया गया शामिल

Chhattisgarh Cabinet Expansion: रायगढ़ विधानसभा से विधायक और पूर्व IAS ऑफिसर ओपी चौधरी छत्तीसगढ़ कैबिनेट में मंत्री पद की शपथ ली. उन्हें राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन ने मंत्री पद और गोपणायता की शपथ दिलाई.

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O. P. Choudhary Profile: भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) के युवा नेता और पूर्व IAS ऑफिसर ओपी चौधरी (O. P. Choudhary) ने शुक्रवार, 22 दिसंबर को छत्तीसगढ़ कैबिनेट (Chhattisgarh Cabinet) में मंत्री पद की शपथ ली. उन्हें राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन (Biswabhusan Harichandan) ने मंत्री पद और गोपणायता की शपथ दिलाई. ओपी चौधरी रायगढ़ (Raigarh) विधानसभा से विधायक हैं. 

जानें ओपी चौधरी की शुरुआती करियर

2 जून, 1981 को खरसिया में जन्में ओपी चौधरी ने अपनी शुरुआती पढ़ाई गांव से ही की. इसके बाद आठवीं क्लास तक की पढ़ाई उन्होंने जैमुरी शिक्षा स्कूल से की. 12वीं के बाद उन्होंने PET की परीक्षा दी, लेकिन इसमें वो असफल रहे.  बता दें कि ओपी चौधरी का बचपन से ही IASऑफिसर बनने का सपना था, इसलिए वो इसकी तैयारियों में लग गए. 

पहले प्रयास में क्रैक किया था UPSC परीक्षा

यूपीएससी की पढ़ाई के दौरान उन्होंने पहली बार यूपीएससी (UPSC) का पेपर दिया. एपी चौधरी ने अपनी पहली प्रयास में ही एक्जाम क्रैक कर लिया. जब ओपी चौधरी कलेक्टर बने तो वो महज 23 साल के थे. बता दें कि ओपी चौधरी 2005 बैच के आईएएस ऑफिसर थे. वहीं 2006 में ओपी चौधरी को सबसे पहले सहायक कलेक्टर के रूप में कोरबा में पोस्टिंग हुई. इसके बाद 2007 में उन्हें रायपुर में एसडीएम बनाया गया. साल 2007 में उन्हें चांपा जिले में जिला पंचायत का सीईओ बनाया गया. फिर वो रायपुर नगम निगम के कमिश्नर रहे.

तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक्सीलेंस अवॉर्ड से नवाजा

साल 2011 में ओपी चौधरी को दंतेवाड़ा कलेक्टर के तौर पर बैठाया गया. इसके बाद वो रायपुर कलेक्टर के रूप में काम किया. ओपी जब दंतेवाड़ा में कलेक्टर पद पर थे तो उस दौरान उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों में बच्चों को विज्ञान के प्रति प्रोत्साहित किया. इसके साथ ही इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज में विशेष कोचिंग की सुविधा और आदिवासी स्कूल स्थापित करने का काम किया. साल 2011 में  गीदम ब्लॉक में शिक्षा के बड़े केंद्र के रूप में उसे विकसित किया था.

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इतना हीं नहीं लाइवलीहुड कॉलेज की शुरुआत करने के पीछे ओपी चौधरी का महत्वपूर्ण योगदान रहा. बता दें कि समाज के लिए महत्वपूर्ण योगदान देने के लिए ओपी चौधरी को साल 2011-12 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने एक्सीलेंस अवॉर्ड से नवाजा था. वहीं साल 2018 में ओपी चौधरी रायपुर कलेक्टर बने. हालांकि इसी साल उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और बीजेपी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली.  

जानें कैसा रहा ओपी चौधरी का राजनीतिक सफर

बीजेपी ने साल 2018 में हुए विधानसभा चुनाव के दौरान ओपी चौधरी को खरसिया विधानसभा सीट से मैदान में उतारा, लेकिन वो कांग्रेस पार्टी के नेता उमेश पटेल से चुनाव हार गए. चुनाव हारने के बाद बीजेपी ने उन्हें प्रदेश महामंत्री के पदभार सौंप दिया. इस साल (Chhattisgarh Assembly Election 2023) के विधानसभा चुनाव के दौरान ओपी चौधरी पर भरोसा जताते हुए बीजेपी ने रायगढ़ विधानसभा से मैदान में उतारा. हालांकि इस बार ओपी चौधरी ने कांग्रेस के प्रत्याशी प्रकाश नायक को 64443 मतों से शिरकत दी. 

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