आंकड़ों में तरक्की, हकीकत में सूखा... बैकुंठपुर में जल जीवन मिशन का ऐसा है हाल

Chhattisgarh Water Crisis: जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत कोरिया जिले के ग्रामीण इलाकों में जल्दबाजी में नल कनेक्शन तो दे दिए गए हैं, लेकिन 2-3 साल बाद भी इनमें पानी नहीं आ रहा है.

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Chhattisgarh's Jal Jeevan Mission: जल जीवन मिशन (जेजेएम) के तहत हर घर नल से जल पहुंचाने के दावे किए जा रहे हैं, लेकिन हकीकत इससे काफी अलग है. कोरिया जिले के ग्रामीण इलाकों में जल्दबाजी में नल कनेक्शन तो दे दिए गए हैं, लेकिन 2-3 साल बाद भी इनमें पानी नहीं आ रहा है. एनडीटीवी की टीम ने जब जिले के कटगोड़ी ग्राम पंचायत का दौरा किया, तो वहां की स्थिति सरकारी आंकड़ों से बिल्कुल उलट दिखी. 

गांव की निवासी शिवानी सिंह ने बताया कि कटगोड़ी में पहले पानी की इतनी समस्या नहीं थी, लेकिन खदान शुरू होने के बाद हालात बिगड़ गए. यहां सिर्फ एक बोरवेल है, जिससे काफी घरों के लोग पानी भरते हैं. प्रशासन की ओर से 10 टैंकर पानी भेजने की बात कही जाती है, लेकिन हकीकत में सिर्फ एक टैंकर आता है, जो सभी घरों तक नहीं पहुंचता. 

‘1-2 किलोमीटर दूर से पानी लाने को मजबूर...'

स्थानीय निवासी प्रेमसाय का कहना है कि जो नल कनेक्शन लगाए गए थे, उनमें पिछले डेढ़-दो साल से पानी नहीं आया. कभी चालू ही नहीं हुए. कुछ जगहों पर बोरिंग कराई गई, लेकिन वहां से भी सिर्फ दो-तीन ड्रम पानी ही निकल पाता है. पानी की इस किल्लत को लेकर ग्रामीणों ने एसईसीएल का घेराव भी किया, लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिला. स्थिति यह है कि गांव के लोग 1-2 किलोमीटर दूर से पानी लाने को मजबूर हैं. 

इस मामले पर पीएचई विभाग के कार्यपालन अभियंता आकाश पोद्दार का कहना है कि जिले में कुल 442 ग्रामों में से 102 ग्राम समूह जल प्रदाय योजना में शामिल हैं. जब तक यह योजना पूरी नहीं होती, तब तक पानी नहीं पहुंच सकता. उन्होंने बताया कि जिले में जल जीवन मिशन की कई परियोजनाएं अधूरी हैं. इसके अलावा, जहां बोरवेल सूख गए हैं, वहां नए जल स्रोत विकसित करने का प्रयास किया जा रहा है. 

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जल्द समाधान की जरूरत

ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द से जल्द पानी की सुविधा नहीं मिली, तो हालात और बिगड़ सकते हैं. जल जीवन मिशन के आंकड़े भले ही तेजी से बढ़ रहे हों, लेकिन जब तक लोगों के घरों में पानी नहीं पहुंचेगा, तब तक यह योजना अधूरी ही मानी जाएगी. 

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