छत्तीसगढ़ विधानसभा के सप्तम सत्र का समापन हो गया है. विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने सत्र को यादगार और ऐतिहासिक उपलब्धि बताया. 14 दिसंबर से शुरू हुआ सत्र 17 दिसंबर तक चला, जिसमें 4 बैठकें हुईं. सत्र की शुरुआत पुराने विधानसभा भवन से हुई, जहां पहले दिन सत्र की कार्यवाही हुई. दूसरे दिन से सत्र की कार्यवाही नए भवन में होने लगी. इससे एक ही सत्र का दो अलग-अलग भवनों में आयोजन ऐतिहासिक बन गया. बता दें 18 नवंबर को एक स्पेशल सत्र भी रखा गया था, जिसमें एक और बैठक हुई थी.
सत्र के दौरान विजन 2047 पर सार्थक और व्यापक चर्चा हुई. छत्तीसगढ़ राज्य की स्थापना के 25 साल होने पर यानी रजत जयंती वर्ष पर राज्य के भविष्य के रोडमैप पर मंथन हुआ. सत्र के दौरान हुई 5 बैठकों में कुल 35 घंटे 33 मिनट तक कार्यवाही चली.
शीतकालीन सत्र होने के बावजूद कई अहम मुद्दों पर उपयोगी बहस भी हुई. इस सत्र में अनुपूरक बजट सहित महत्वपूर्ण विधायी कार्य पूरे किए गए.
‘वंदे मातरम्' के 150 वर्ष पूर्ण होने पर सदन में ऐतिहासिक चर्चा की गई. तारांकित 333 और अतारांकित 295 सवाल, कुल 628 प्रश्न मिले. 11 सवालों पर सदन में अनुपूरक प्रश्न पूछे गए. 232 ध्यानाकर्षण सूचनाएं प्राप्त हुई, जिनमें 70 स्वीकार की गई और 20 शून्यकाल में बदली गईं. 101 स्थगन सूचनाएं सदन में आईं और 196 याचिकाएं प्रस्तुत की गई, जिनमें 36 याचिकाएं स्वीकार हुईं.
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