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पहले चरण में 20 सीटों पर हुआ 74 फीसदी मतदान, 2018 में भी बीजापुर में पड़े थे सबसे कम वोट

Voting in Chhattisgarh : पुलिस अधिकारियों ने बताया कि 12 विधानसभा क्षेत्रों वाले बस्तर संभाग में शांतिपूर्ण मतदान के लिए लगभग 60 हजार जवान तैनात किए गए जिनमें से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के 40 हजार और राज्य पुलिस के 20 हजार जवान शामिल हैं.

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पहले चरण में 20 सीटों पर हुआ 74 फीसदी मतदान

Chhattisgarh Assembly Election: छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव (Assembly Election in Chhattisgarh) के पहले चरण के लिए मंगलवार को शाम पांच बजे मतदान समाप्त हो गया. पहले चरण में 74 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया. पहले चरण में जिन 20 विधानसभा क्षेत्रों में मतदान हुआ, जिनमें से 10 पर सुबह सात बजे से तीन बजे तक और बाकी 10 सीट पर सुबह आठ बजे से शाम पांच बजे तक मतदान (Voting in CG) हुआ. भारत निर्वाचन आयोग के मतदाता मतदान ऐप के अनुसार, बस्तर विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 84.65 प्रतिशत मतदाताओं ने तथा सबसे कम बीजापुर में 46 फीसदी मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया है.

अधिकारियों ने बताया कि पहले चरण में राज्य की 20 विधानसभा सीट के लिए मंगलवार को पुलिस और अर्धसैनिक बलों की कड़ी सुरक्षा में मतदान हुआ. शाम पांच बजे तक इन सीट के लिए कुल 40,78,681 मतदाताओं में से 72.98 फीसदी ने वोट डाला. उन्होंने कहा कि यह आंकड़ा बढ़ सकता है क्योंकि कई मतदान केंद्रों से अंतिम आंकड़े अभी तक प्राप्त नहीं हुए हैं. पहले चरण की विधानसभा सीट पर महिला मतदाताओं की संख्या पुरुषों से अधिक है. पहले चरण में महिला मतदाताओं की संख्या 20,84,675 है जबकि पुरुष मतदाताओं की संख्या 19,93,937 है. पहले चरण में तृतीय लिंग के 69 मतदाता भी हैं.

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नक्सलियों ने की थी चुनाव के बहिष्कार की घोषणा

पहले चरण में आज हुए मतदान के लिए 5,304 मतदान दल बनाए गए और 25,249 मतदान कर्मियों को तैनात किया गया. राज्य में नक्सलियों ने चुनाव के बहिष्कार की घोषणा की थी. इस दौरान उन्होंने उत्पात मचाने की भी कोशिश की. सुकमा जिले के चिंतागुफा थाना क्षेत्र में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ में चार सुरक्षाकर्मी घायल हो गए तथा जिले के टोंडामरका शिविर के पास नक्सलियों द्वारा किए गए बारूदी सुरंग विस्फोट में एक सीआरपीएफ कमांडो घायल हो गया.

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126 गांवों में पहली बार लगे मतदान केंद्र

पुलिस अधिकारियों के अनुसार, नारायणपुर, बीजापुर और कांकेर जिलों में नक्सलियों तथा सुरक्षाबलों के बीच गोलीबारी भी हुई. इन घटनाओं में सुरक्षाबलों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा.

निर्वाचन आयोग ने एक बयान में कहा कि मतदान के दौरान बस्तर संभाग के 126 गांवों के निवासियों ने खुशी जताई क्योंकि आजादी के बाद उनके गांवों में पहली बार मतदान केंद्र स्थापित किए गए थे.

कांग्रेस प्रत्याशी एवं प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और बस्तर से सांसद दीपक बैज (चित्रकोट सीट), मंत्री कवासी लखमा (कोंटा) और मोहन मरकाम (कोंडागांव) तथा कांग्रेस विधायक चंदन कश्यप (नारायणपुर) और सावित्री मंडावी (भानुप्रतापपुर) ने अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र में मतदान किया.

नक्सलवाद छोड़ पुलिस में शामिल हुईं सुमित्रा

भाजपा उम्मीदवार और पूर्व मंत्री केदार कश्यप (नारायणपुर), महेश गागड़ा (बीजापुर), विक्रम उसेंडी (अंतागढ़) और लता उसेंडी (कोंडागांव) ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग किया. पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह ने अपने गृह नगर कवर्धा में मतदान किया.

इस विधानसभा चुनाव में महिला पुलिस आरक्षक सुमित्रा ने भी नारायणपुर निर्वाचन क्षेत्र में अपना वोट डाला. वह 2018 में नक्सलवाद छोड़कर पुलिस में शामिल हुई थीं.

सुमित्रा (34) ने न्यूज एजेंसी 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि वह नारायणपुर में माओवादियों की आमदई एरिया कमेटी में कमांडर के रूप में सक्रिय थीं और दिसंबर 2018 में उन्होंने नक्सली संगठन छोड़ दिया था.

रतन दुबे के परिवार ने डाला वोट

सुमित्रा ने कहा, 'मैं जनवरी 2019 में पुलिस बल में शामिल हुई. मुझे खुशी है कि मैंने पहली बार अपना वोट डाला है.' नारायणपुर क्षेत्र में भाजपा नेता रतन दुबे के परिजनों ने भी मतदान में हिस्सा लिया. चुनाव प्रचार के दौरान चार नवंबर को नक्सलियों ने दुबे की हत्या कर दी थी. पहले चरण के मतदान के साथ ही इन 20 सीट के 223 उम्मीदवारों की किस्मत ईवीएम बंद हो गई जिसका फैसला तीन दिसंबर को होगा.

एक लाख सुरक्षाकर्मी किए गए तैनात

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि 12 विधानसभा क्षेत्रों वाले बस्तर संभाग में शांतिपूर्ण मतदान के लिए लगभग 60 हजार जवान तैनात किए गए जिनमें से केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के 40 हजार और राज्य पुलिस के 20 हजार जवान शामिल हैं.

उन्होंने बताया कि पहले चरण के मतदान के लिए लगभग एक लाख सुरक्षाकर्मी तैनात किए गए.

राज्य की 90 सदस्यीय विधानसभा की शेष 70 सीट पर दूसरे चरण में 17 नवंबर को मतदान होगा.

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2018 में भी बीजापुर में पड़े थे सबसे कम वोट

छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2018 के पहले चरण में 18 सीटों पर मतदान हुए थे. इसमें कुल 190 उम्मीदवार मैदान में थे. इस दौरान कुल 76.28 फीसदी मतदान दर्ज किया गया था. 2018 में सबसे अधिक वोटिंग 85.15 फीसदी डोंगरगांव में हुई थी. वहीं बीजापुर में सबसे कम 47.35 फीसदी वोटिंग दर्ज की गई थी.

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