छत्तीसगढ़ विधानसभा में गूंजा दवा और उपकरण खरीदी में अनियमितता का मामला, स्वास्थ्य मंत्री बिहारी ने दिया ये जवाब

Chhattisgarh Assembly Monsoon Session: छत्तीसगढ़ विधानसभा में दवा और उपकरण खरीदी में अनियमितता का मामला गूंजा. भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने ध्यानाकर्षण के जरिए यह मामला सदन में उठाया.

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Chhattisgarh Monsoon Session: छत्तीसगढ़ विधानसभा (Chhattisgarh Assembly) में मानसूत्र सत्र के दौरान दवा खरीदी और उपकरण खरीदी में अनियमितता का मामला गूंजा. भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक (Dharamlal Kaushik) ने ध्यानाकर्षण के जरिए दवा खरीदी और उपकरण खरीदी का मुद्दा उठाया. धरमलाल कौशिक ने सदन में कहा कि बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है. क्या इसकी जांच कराई जाएगी? जिसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने कहा कि तीन आईएएस अधिकारियों की कमेटी जांच कर रही है. तीन महीने के भीतर जांच कराई जाएगी.

सदन में गूंजा दवा और मेडिकल उपकरण की खरीदी मामला

छत्तीसगढ़ विधानसभा में धरमलाल कौशिक ने कहा कि सीजीएमएससी ने दवा और मेडिकल उपकरण की खरीदी में जमकर भ्रष्टाचार किया गया है. एजी ने भी अपनी रिपोर्ट में इस पर आपत्ति जताई थी. नियमों के विरुद्ध बाजार दर से अधिक कीमत पर खरीदी की गई. बिना मांग सरकारी अस्पतालों में जांच किट भेजी गई. तीस से अधिक जिलों में अस्पतालों में बगैर डिमांड के रिएजेंट भेज दिये गए. लगातार शिकायत के बाद भी अब तक कार्रवाई नहीं हुई.

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धरमलाल कौशिक के सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री के दिया जवाब

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि खुली निविदा जारी कर सीजीएमएससी ने दवा और उपकरण की खरीदी की है. AG रिपोर्ट सामान्य प्रक्रिया है AG की रिपोर्ट पर विभाग उसका निराकरण करता है. जो खरीदी होती है अन्य राज्यों के कारपोरेशन की दरों की तुलना कर की जाती है. पिछले तीन सालों में बगैर डिमांड के खरीदी नहीं की गई है. हमर लैब में लगने वाले एनालाइजर और रिएजेंट की खरीदी डिमांड आने के बाद ही की गई है. उन्होंने कहा कि राज्य के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में रिएजेंट के खराब होने का आरोप सत्य नहीं है. ऑटो एनालाइजर मशीन की खरीदी कई गुना दर पर खरीदी का आरोप भी सही नहीं है. खुली निविदा कर एल वन प्राप्त होने के बाद ही खरीदी की गई है. 

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10 शिकायतें प्रक्रियाधीन है: स्वास्थ्य मंत्री

भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने कहा कि ये अरबों रुपये के घोटाले का मामला है. एजी रिपोर्ट के आधार पर शिकायत किसने की थी? किन-किन लोगों के खिलाफ शिकायत हुई थी. 

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स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि सीएजी की ऑडिट सतत चलने वाली प्रक्रिया है. अब तक कुल 25 शिकायत प्राप्त हुई है. इनमें से 15 शिकायतों का निराकरण हो गया है. 10 शिकायतें प्रक्रियाधीन है.

धरमलाल कौशिक ने कहा कि मीनाक्षी गौतम सीजीएमएससी में महाप्रबंधक वित्त के पद पर थी. क्या इनके विरुद्ध शिकायत हुई थी? जिसपर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि विभाग को मीनाक्षी गौतम के विरुद्ध कोई शिकायत प्राप्त नहीं है.

स्पेसिफिक बता पाना मुश्किल: श्यामबिहारी जायसवाल

धरमलाल कौशिक ने सदन में पूछा कि ट्यूब की खरीदी किस दर पर की गई थी. जिसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि सौ ट्यूब के एक बंडल 2352 रुपये में ख़रीदी बताई गई थी. अन्य संस्थानों में 8 रुपये 50 पैसे की दर थी. मोक्षित कॉपोरेशन से 100 रुपये की दर पर खरीदी की गई. धरमलाल कौशिक ने आगे सवाल किया कि सिविल सर्जन रायगढ़ ने 2.15 पैसे में खरीदा था. सरगुजा में लगभग इसी दर पर खरीदी की थी. उन्होंने पूछा कि डी डाइमर 2022 में किस दर पर खरीदी गई थी? इस सवाल पर स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सीजीएमएससी द्वारा सैकड़ों प्रकार के आइटम की खरीदी होती है. स्पेसिफिक बता पाना मुश्किल है. 

धरमलाल कौशिक ने कहा कि सीजीएमएससी ने 10 लाख 95 हजार में खरीदा है. आज की कीमत ऑनलाइन पांच लाख रुपये है. यानी डबल दर पर खरीदी की गई.

स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने कहा कि जैसे मोबाइल है एप्पल. इसके कई वेरिएंट होते हैं. वेरिएंट के हिसाब से उसकी दर तय होती है. इसी तरह अलग अलग वेरिएंट की खरीदी उसके स्पेसिफिकेशन के आधार पर खरीदी होती है. जेम पोर्टल पर दिखाए जाने वाले स्पेसिफिकेशन और क्वालिटी में अंतर होता है. गुण-दोष का अंतर है.

मानसून सत्र के दौरान कमीशन का भी मुद्दा गूंजा

धरमलाल कौशिक ने कहा कि गुण दोष का अंतर नहीं है. यहां कमीशन का मसला है. कौशिक ने पूछा कि इस मामले की जांच के लिये एक कमेटी बनाई गई थी. क्या जांच रिपोर्ट आ गई?

श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि पिछली सरकार में दवा खरीदी और उपकरण खरीदी में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई थी. साय सरकार आने के बाद इन मामलों की जांच के लिये एक कमेटी बनाई गई है. जांच व्यापक है. इसलिए समय लगेगा. धरमलाल कौशिक ने पूछा कि इस मामले की क्या उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी? जिसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि तीन महीने के भीतर इसकी जांच कराई जाएगी.

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