'भ्रष्टाचार' की पोल खोलता सूरजपुर का पुल, ठेकेदार और विभाग की मिलीभगत के लगे आरोप 

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'भ्रष्टाचार' की पोल खोलता सूरजपुर का पुल, ठेकेदार और विभाग की मिलीभगत के लगे आरोप 

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सूरजपुर (Surajpur) ज़िले में करोड़ों के पुल को लेकर भ्रष्टाचारी का मामला सामने आया है. जिला मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर की दूरी पर एक पुल का निर्माण कराया जा रहा है. करीब 8 करोड़ 77 लाख की लागत से बनाए जा रहे इस पुल पर निर्माण से पहले ही सवाल खड़े हो रहे हैं. खबर के मुताबिक, आसपास के लोगों ने इस पुल को लेकर नारजगी ज़ाहिर की है. लोगों का कहना है कि निर्माण की गुणवत्ता तय मानकों के मुताबिक नहीं हैं. जिसके चलते ठेकेदार और विभाग की मिलीभगत साफ तौर पर झलक रही हैं. 

'लापरवाही और भ्रष्टाचार के घेरे में पुल' 

दरअसल, यह पुल सूरजपुर के पंचायत ओडगी के केछुपारा में बनवाया जा रहा है. इस पुल के निर्माण से पहले कार्य की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो रहे हैं. खबर है कि निर्माण के लिए दी गई राशि का बंदरबांट भी हो रहा है. साथ ही आसपास के मजदूरों से काम नहीं लिया जा रहा जो कि श्रम कानून का उल्लंघन भी है. PWD विभाग ने पुल की गहराई, ढलाई और मोटाई को लेकर जो मानक तय किए थे...हकीकत में पुल उस आधार पर नहीं बनाया जा रहा है. मामले को लेकर गांव के सरपंच गौरी सिंह ने भी कलेक्टर से शिकायत की बात कही है. 

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पुल बनाए जाने वाले मामले को लेकर PWD विभाग के  मनसुक लाल सिंह ने NDTV से बातचीत की. उन्होंने बताया, 

मामले को लेकर कुछ बातें उजागर हुई हैं. इसमें आसपास के लगों को काम पर नहीं रखना और पुल की गुणवत्ता पर तमाम सवाल शामिल है...किसी भी सूरत में भ्रष्टाचार से समझौता नहीं किया जाएगा. मैं हर रोज़ विभाग की तरफ से काम देखने जाता हूं. अगर आसपास के लोगों को किसी तरह का तो वो शिकयत कर सकते हैं. उन्हें भी अधिकार है. 

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बताते चलें कि पुरजोर कोशिशों और मांगों के बाद पुल-पुलियों की स्वीकृति होती है. जिसके बाद निर्माण को लेकर करोड़ों रुपयों की मंजूरी दी जाती है. लेकिन इस तरह के मामलों के सामने आने पर जहां विभागीय अधिकारियों और ठेकेदारों की मिलीभगत से आस पास के लोग खुद को ठगा हुआ महसूस करते हैं तो वहीं, निर्माण-कार्य की गुणवत्ता पर भी असर पड़ता हैं. 

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