Chhath Puja 2023: बैकुंठपुर में छठ व्रतियों ने ढलते सूर्य को दिया अर्घ्य, घाट पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

Chhath Puja in Chhattisgarh : छठ घाटों पर कुछ व्रती मंगलकामना लेकर घर से घाट तक दंडवत करते पहुंचे. वहीं कुछ व्रती घुटने के बल रेंगते हुए घाट तक आए. माना जाता है कि इससे सूर्य देव और छठी मइया प्रसन्न होते हैं. वहीं कुछ व्रती बैंड बाजा के साथ घाटों पर पहुंचे.

विज्ञापन
Read Time: 16 mins
छठ व्रतियों ने ढलते सूर्य को दिया अर्घ्य

Chhath Puja 2023: पूर्वांचल की तरह कोरिया जिले में भी छठ पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जा रहा है. महापर्व के तीसरे दिन बैकुंठपुर समेत पूरे जिले में सैकड़ों श्रद्धालुओं ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया. श्रद्धालुओं ने सूर्य की अंतिम किरण को अर्घ्य दिया. छठ घाटों पर अस्त होते सूर्य देव को अर्घ्य देने व्रतियों के साथ सैकड़ों श्रद्धालु जुटे. बैकुंठपुर सहित चरचा कॉलरी, चिरमिरी, मनेंद्रगढ़ और पटना क्षेत्र के घाटों पर छठ व्रतियों के परिवार के सदस्य सिर पर फल और पूजन सामग्री से सजे सूप, दउरा लेकर पहुंचे. यहां सामूहिक रूप से एक साथ हजारों हाथों ने सूर्य देव को अर्घ्य देकर मंगल कामना की. सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही छठ व्रत संपन्न होगा. 

गेज नदी तट पर गढ़ेलपारा में छठी मइया के भक्ति गीतों से आस्था की लहर उठने लगी. अर्घ्य से पहले गंगा आरती से आराधना की गई. पुत्र प्राप्ति, समृद्धि एवं मंगलकामना के पर्व छठ को लेकर सूर्य देव को पहला अर्घ्य दिया गया. गेज नदी तट और श्रीराम मंदिर छठ घाट पर छठ पूजा का विशेष माहौल रहा. अन्य तालाब और जलाशयों में भी सूर्य देव को अर्घ्य दिया गया. छठव्रतियों ने डूबते सूर्य एवं छठमाता की आराधना की. इस दौरान आतिशबाजियां और गाजे-बाजे से माहौल रंगीन रहा.

Advertisement

घाट पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

यह भी पढ़ें : CG Election: छत्तीसगढ़ में दूसरे चरण में हुआ 75.08 % मतदान, इस सीट पर पड़े सबसे कम 55.93 % वोट

Advertisement

चार दिन मनाया जाता है महापर्व छठ

सूर्यषष्ठी महापर्व पर रविवार की शाम व्रतियों ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया. शहर में सबसे बड़ा आयोजन चरचा कॉलरी में किया गया है और इस दौरान यहां मेले जैसा नजारा रहा. घाट के लिए श्रद्धालु निकले तो सड़कों पर लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. कई श्रद्धालु घर से पैदल और दंडवत होकर घाट पहुंचे. यह ऐसा पर्व है, जिसमें किसी को पुरोहित की जरूरत नहीं होती. चार दिन तक चलने वाले इस पर्व की शुरुआत नहाय-खाय से होती है. अगले दिन खरना होता है. खरना का प्रसाद ग्रहण करने के बाद व्रती दो दिन तक पानी भी नहीं पीते. तीसरे दिन शाम को डूबते और चौथे दिन सुबह उगते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत का समापन होता है. 

Advertisement

यह भी पढ़ें : CG Election 2023: हार का पर्चा वायरल होने से भड़के कांग्रेसी, BJP प्रदेश अध्यक्ष व IT सेल पर की FIR की मां

बनारस से आए पुरोहित करेंगे गंगा आरती

छठ घाटों पर कुछ व्रती मंगलकामना लेकर घर से घाट तक दंडवत करते पहुंचे. वहीं कुछ व्रती घुटने के बल रेंगते हुए घाट तक आए. माना जाता है कि इससे सूर्य देव और छठी मइया प्रसन्न होते हैं. वहीं कुछ व्रती बैंड बाजा के साथ घाटों पर पहुंचे. नगर पालिका की नेताप्रतिपक्ष अन्नपूर्णा प्रभाकर सिंह ने भी छठ व्रत किया था. वह भी दंडवत करते छठ घाट पहुंची और सूर्य को संध्या अर्घ्य दिया. छठ पर्व पर गढ़ेलपारा में श्री राधे कृष्ण नृत्य समेत देवी देवताओं की झांकी हुई. शहर के बाल संगीतकारों ने छठ गीतों की मनमोहक प्रस्तुति दी. इसके बाद गेज तट पर मां गंगा और छठी मईया की आरती की गई. बड़ी संख्या में लोग छठ घाट पर पहुंचे थे. छठ पूजा समिति के प्रभाकर सिंह ने बताया कि सुबह भी यहां बनारस से आए पुरोहित मां गंगा की आरती करेंगे और झांकी निकाली जाएगी.