मसला- बिजली दरों में बढ़ोतरी का पर छत्तीसगढ़ में नेता प्रतिपक्ष और CM ने एक-दूसरे को 'थैंक्यू' क्यों कहा?

छत्तीसगढ़ में बिजली के टैरिफ बढ़ाये जाने को लेकर कांग्रेस सड़क पर आंदोलन कर रही है... लेकिन विधानसभा के सदन में नेता प्रतिपक्ष सरकार के जवाब से संतुष्ट नजर आए. पढ़िए रिपोर्ट.

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Chhattisgarh Assembly: छत्तीसगढ़ की सियासत में बुधवार को तब एक सुखद वाक्या देखने को मिला जब विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को धन्यवाद कहा वो भी राज्य में बिजली की बढ़ोतरी के मुद्दे पर. आप ये जानकर थोड़ा और चौंक सकते हैं कि बिजली के टैरिफ को बढ़ाए जाने के मुद्दे पर ही कांग्रेस राज्य भर में सड़क पर उतर कर आंदोलन कर रही है. बहरहाल फैक्ट ये है कि छत्तीसगढ़ विधानसभा के इतिहास में पहली बार स्थगन प्रस्ताव के बाद किसी दल के नेता प्रतिपक्ष ने मुख्यमंत्री को धन्यवाद कहा. पहली बार हुई इस थैंक्यू-थैंक्यू पर सत्ता पक्ष ने भी नेता प्रतिपक्ष को धन्यवाद कहा.

चरणदास ने बताया- क्यों कहा CM को धन्यवाद

बता दें कि छत्तीसगढ़ में 2 सालों में लगभग 80 पैसे प्रति यूनिट बिजली की दर बढ़ गई है. इसी मुद्दे पर विपक्षी दल कांग्रेस सत्ताधारी दल भाजपा पर हमलावर है और सड़क पर प्रदर्शन कर रही है. लेकिन विधानसभा के मानसून सत्र में सदन में इसी मुद्दे पर लाये स्थगन प्रस्ताव पर मुख्यमंत्री विष्णु देव सहाय के जवाब के बाद नेता प्रतिपक्ष का अंदाज चर्चा में आ गया. नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर चरण दास महंत ने कहा- सरकार पर आरोप लगाने का अर्थ ये है कि हमारे उपभोक्ता लोग परेशान है...बड़े-बड़े उपभोक्ताओं से वसूली करने के बजाय आम उपभोक्ताओं और किसानों को परेशान किया जा रहा है. मगर जिस ढंग से मुख्यमंत्री जी ने उस पर ध्यान देने की बात कही है और जिस ढंग से सौर ऊर्जा की बात कही है उससे लगा कि ये ध्यान दे रहे हैं. इसके अलावा हमारे स्थगन पर मुख्यमंत्री द्वारा जवाब दिए जाने से मुझे लगा कि वे इस पूरे मसले पर गंभीर हैं. इसलिए मैंने उन्हें धन्यवाद दिया. जिसके बाद जब पत्रकारों ने CM से इस मसले पर सवाल किया तो उन्होंने भी कहा- हम उनके धन्यवाद पर उन्हें धन्यवाद कहते हैं. कई मुद्दे ऐसे होते हैं जिन पर राजनीति नहीं करनी चाहिए. 

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घरेलू बिजली के दरों में महज 10-20 पैसे की बढ़ोतरी की

अब बढ़े बिजली टेरीफ को लेकर सरकार के तर्क भी जान लीजिए.मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ विद्युत नियामक आयोग द्वारा वर्ष 2025-26 हेतु घोषित बिजली टैरिफ में मात्र 1.89 प्रतिशत की वृद्धि की गई है, जो कि विगत वर्षों में न्यूनतम वृद्धि में से एक है. यह निर्णय जनसुनवाई की प्रक्रिया के बाद पारदर्शी ढंग से लिया गया.  जिसके मुताबिक  घरेलू विद्युत दरों में केवल 10 से 20 पैसे और कृषि पंप उपभोक्ताओं के लिए 50 पैसे प्रति यूनिट की बढ़ोतरी की गई है. इसका भी सीधा असर किसानों पर नहीं पड़ेगा क्योंकि यह राशि शासन द्वारा सब्सिडी के रूप में पहले से अग्रिम भुगतान के तौर पर की जा रही है.मुख्यमंत्री साय ने कहा कि हमारा उद्देश्य  है कि छत्तीसगढ़ के कृषक वर्ग पर कोई अतिरिक्त आर्थिक भार न पड़े। सरकार किसानों के हितों की पूरी तरह से रक्षा कर रही है.

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 उद्योगों को बढ़ावा,स्टील इंडस्ट्री की दरों में कटौती

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने उद्योगों को प्रतिस्पर्धात्मक बनाए रखने हेतु मिनी स्टील, रोलिंग मिल और फेरो एलॉय जैसे ऊर्जा-गहन उद्योगों की दरों में कटौती की है. यह निर्णय उद्योगों के प्रति राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में औसतन 23.85 घंटे/दिन और ग्रामीण क्षेत्रों में 23.45 घंटे/दिन बिजली आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है.विशेष रूप से कृषि फीडरों में 18 घंटे प्रतिदिन की आपूर्ति दी जा रही है, जो देश के सभी राज्यों में सर्वाधिक आंकड़ों में शामिल है. तकनीकी और वाणिज्यिक हानि (AT&C Loss) को 2020-21 में 23.14% से घटाकर 2024-25 में 13.79% किया गया है.  यह उपलब्धि दक्ष संचालन, पारदर्शी व्यवस्था और तकनीकी सुधारों का प्रमाण है.मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने बताया कि पॉवर कंपनी/शासन द्वारा 3 लाख करोड़ रुपये से अधिक के करार किए गए हैं, जिससे आने वाले समय में ऊर्जा उत्पादन और रोजगार दोनों के क्षेत्र में क्रांति आएगी.इसके अलावा कोरबा में 1320 मेगावॉट के प्लांट की स्थापना का कार्य भी प्रारंभ हो चुका है, जिसकी लागत ₹15,800 करोड़ है। इससे छत्तीसगढ़ भविष्य में ऊर्जा-सरप्लस राज्य बनेगा और निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित हो सकेगी.