Chaitanya Baghel in Jail: रायपुर की जेल की एक ऐसी बैरक है जो सियासी इतिहास लिख रही है... ये ऐसा इतिहास होगा जिसकी सालों दासाल तक राजनीतिक गलियारों में चर्चा होती रहेगी. दरअसल छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल रायपुर जेल के जिस बैरक में बंद है उसी बैरक में उनके दादा स्वर्गीय नंद कुमार बघेल और भूपेश बघेल भी बंद रहे हैं. इसे संयोग ही कहा जा सकता है कि एक ही परिवार के तीन पीढ़ी के सदस्य अलग-अलग समय में एक ही बैरक में कैद रहे हों. क्या है ये दिलचस्प संयोग जानते हैं इस रिपोर्ट में
दादा नंद कुमार बघेल भी यहीं बंद थे
सबसे पहले बात चैतन्य बघेल के दादा जी की. ये बात साल 2021 की है. तब पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पिता स्वर्गीय नंद कुमार बघेल को ब्राह्मणों के खिलाफ टिप्पणी करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था. उन्होंने उन्होंने ‘ब्राह्मण कुमार रावण को मत मारो' नामक पुस्तक लिखी थी. तब उनकी गिरफ्तारी आगरा में हुई थी जहां से उन्हें रायपुर जेल लाया गया था. दिलचस्प ये है कि तब छत्तीसगढ़ में उनके बेटे भूपेश बघेल की ही सरकार थी. दरअसल नंद कुमार बघेल की इन टिप्पणियों की वजह से छत्तीसगढ़ में विवाद हो गया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री को भी अगले दिन सफाई देनी पड़ी थी. भूपेश बघेल ने तब कहा था कि कानून अपना काम करेगा. इस दौरान स्वर्गीय नंद कुमार बघेल उसी बैरक में बंद थे जिसमें आज चैतन्य बघेल बंद हैं.
भूपेश बघेल का भी ठिकाना यहीं रहा
अब बात चैतन्य बघेल के पिता और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की. ये बात साल 2017 की है. तब छत्तीसगढ में बहुचर्चित कथित सेक्स सीडी कांड का मामला सामने आया था. अक्तूबर 2017 में भूपेश बघेल के करीबी एवं विनोद वर्मा की गिरफ्तारी के बाद सियासी भूचाल खड़ा हुआ और इसकी जद में भूपेश बघेल भी आ गए. तब राज्य में रमन सिंह की सरकार थी. इस मामले को लेकर जब कांग्रेस की प्रदेश इकाई के तत्कालीन अध्यक्ष भूपेश बघेल को गिरफ्तार किया गया था तब उन्होंने जमानत याचिका दायर करने से इनकार कर दिया, जिसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। बघेल ने तब कहा था कि वह जेल में सत्याग्रह पर बैठेंगे. ये बात दीगर है कि इस मामले में अब भूपेश बघेल बरी हो चुके हैं.. बहरहाल तब भूपेश बघेल उसी बैरक में बंद थे जिसमें आज चैतन्य बघेल बंद हैं.
बैरक में दादा-पिता को याद करते हैं चैतन्य
अब बात बघेल परिवार की तीसरी पीढ़ी की. चैतन्य बघेल 18 जुलाई 2025 से जेल में बंद है. सूत्र बताते हैं कि यहां वे अक्सर अपने दादा और पिता को याद करते हैं. बताया जा रहा कि चैतन्य बघेल ने जेल में रहते हुए अब तक दो किताबें पढ़ीं हैं. वे हैं जवाहर लाल नेहरू की लिखी डिस्कवरी ऑफ इंडिया और महात्मा गांधी की आत्मकथा सत्य के प्रयोग. मंगलवार को ही अदालत ने चैतन्य बघेल को 4 दिनों की रिमांड पर भेजा था.
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