CGBSE 10th Result 2024: नक्सल इलाके में पिता साइकिल का पंचर बनाते हैं, बेटी ने टॉप 10 में जगह बनाकर बढ़ाया मान 

CGBSE 10th Toppers: नक्सल इलाके की बेटी पायल अधिकारी  ने 10 वीं बोर्ड की परीक्षा में टॉप 10 में जगह बनाई है. उनके पिता साइकिल पंचर बनाते हैं. विपरीत परिस्थियों के बाद भी पायल ने हार नहीं मानी। अपनी सफलता का राज बताया है. 

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अपने माता-पिता के साथ पायल.

CGBSE 10th Toppers List:  एक साधारण परिवार की बेटी ने कांकेर जिले का मान बढ़ाया है. साइकिल का पंचर बनाने वाले कि बेटी ने छत्तीसगढ़ में कक्षा दसवीं की बोर्ड परीक्षा में 97.6 प्रतिशत हासिल कर राज्य में 7वां स्थान प्राप्त किया. आर्थिक स्थिति से जूझ रहे इस परिवार की टॉपर बिटिया डॉक्टर बनना चाहती है.

डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करने का है सपना

छत्तीसगढ़ का कांकेर नक्सल प्रभावित जिलों में से एक है प्रभावित है. यहां का ग्राम बांदे नक्सल इलाकों से घिरा हुआ  है. जहां की रहने वाली पायल अधिकारी ने दसवीं की बोर्ड परीक्षा पास कर प्रदेश में 7वां स्थान बनाया है. एक साधारण परिवार से आने वाली पायल प्रयास आवासीय विद्यालय की छात्रा है. जिन्हें इस बात की भी जनकारी नहीं थी कि उन्होंने top किया है. मीडिया के लोग जब उनके घर पहुंचे तो वह सुनकर हैरान रह गई. पायल का कहना है कि वह रोजाना 5 से 6 घंटे पढ़ाई करती थी. उन्होंने सोचा नहीं था कि उनकी मेहनत इतनी रंग लाएगी और प्रदेश स्तर पर उनका नाम आएगा. उन्होंने इसका पूरा श्रेय अपने माता पिता औऱ शिक्षकों को दिया है. उनकी इच्छा है, एक अच्छा डॉक्टर बनकर लोगों की सेवा करने की है.

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साइकिल का पंचर बनाते हैं पायल के पिता

घर की स्थिति कुछ ठीक नहीं है. एक साधारण परिवार में रहने वाली पायल के पिता की बांदे में ही एक छोटी सी साइकिल स्टोर की दुकान है. यहां पायल के पिता गिविंद अधिकारी सायकल का पंचर और रिपेयरिंग का काम करते हैं. जिससे परिवार का गुजर-बसर चलता है. घर की अन्य जिम्मेदारियों को संभालते हुए मां सीमा अधिकारी भी सिलाई का काम कर परिवार के खर्चे संभालने के लिए पति का साथ देती हैं.

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पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करते रहे माता-पिता

पायल अधिकारी ने अपने हालात से कभी हार नहीं मानी. माता-पिता ने भी अपने हालातों को दरकिनार कर पायल का बखूबी साथ दिया. बेटी को आगे बढ़ाने के जुनून में जहां मां-बाप दिन रात एक कर बेटी को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करते रहे. वहीं पायल ने भी हार को किनारे कर कड़ी मेहनत करते हुए पहले ही प्रयास में प्रयास आवासीय विद्यालय की परीक्षा पास कर ली. ताकि पढ़ाई लिखाई में आने वाले खर्च का माता-पिता पर आर्थिक दबाव ना पड़े. अब जब पायल ने बोर्ड परीक्षा में अच्छा रैंक हासिल किया है तो पायल एक अच्छा उदाहरण बन कर सामने आ रही है. 

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