CG Viral Video: छत्तीसगढ़ के एमसीबी जिले के वनांचल क्षेत्र जनकपुर के घनघोर जंगल में भालुओं और साधुओं के बीच अद्भुत प्रेम आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. जंगल में स्थित कुटिया में चार भालुओं का परिवार रोजाना पहुंचता है और कुटिया में रहने वाले बाबा और बुजर्ग मां के द्वारा दिए गए भोजन को खाकर जंगल की ओर चले जाता हैं.
ग्राम उचेहरा के पास जंगल में राजामाड़ा नामक स्थान पर एक बाबा छोटी सी कुटिया बनाकर रहते हैं. उनके साथ एक उम्र दराज महिला भी रहती हैं. कुटिया में प्रतिदिन एक-दो नहीं बल्कि भालुओं का पूरा कुनबा जब दस्तक देता है तो यहां का नजारा देखने लायक होता है.
भालू को कहते हैं सीताराम...
बाहर से यहां पर पहुंचने वालों की सांसें थम जाती हैं, लेकिन उस बाबा और बुजुर्ग मां के लिए मानो तो कोई मेहमान उनके यहां पधारा हो और उनकी सेवाभाव में दोनों लग जाते हैं. वे भालू सीताराम के नाम से पुकारते हैं. कुटिया में पहुंचकर जंगली भालू का परिवार चुपचाप दिए गए भोजन को खाकर मां-बाबा के इशारे पर पुनः जंगल की तरफ चले जाता है.
कब से चल रहा है ये सिलसिला?
जंगल के जानवर और इंसानों के बीच यदि प्रेम का अद्भुत भाव देखना हो तो इससे बेहतर नजारा और कहीं नहीं मिल सकता है. बाबा बताते हैं कि पहले यहां तीन भालू प्रसाद खाकर वापस जंगल की ओर चले जाते थे. उचेहरा में कुटिया के साधु जब तमूडा बजाया जाते है तब तमूडा की आवाज सुनकर यह जंगली भालू कुटिया में पहुंच जाते हैं. यह प्रक्रिया कई वर्षों से लगातार चली आ रही है. जिसे देखने के लिए प्रतिदिन भीड़ भी लगती है.
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