CG News: सत्ता पक्ष-विपक्ष के टकराव पर उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कह दी ये बड़ी बात, बोले-ऐसे फलेगा-फूलेगा लोकतंत्र 

Jagdeep Dhankhar Speech: उपराष्ट्रपति ने कहा कि आप पक्ष और विपक्ष के विधायक हैं. आप सदन में प्रतिद्वंदी नहीं हैं. यहां सौहार्दपूर्ण माहौल की जरूरत है. आप लोग सामंजस्य बनाकर जनहित में बेहतर काम कर सकते हैं. धनखड़ ने कहा कि जीवन में सीखने की प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है. सदन में नए विधायकों को पुराने विधायकों से भी काफी कुछ सीखने मिलेगा.

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Chhattisgarh News Today: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने शनिवार को छत्तीसगढ़ विधानसभा (Chhattisgarh Assembly) में नवनिर्वाचित विधायकों के लिए आयोजित प्रबोधन कार्यक्रम को संबोधित किया.इस मौके पर उन्होंने कहा कि पक्ष-विपक्ष में सामंजस्य रहना चाहिए, तभी लोकतंत्र फलेगा-फूलेगा और सकारात्मक परिणाम देगा.

उन्होंने इस अवसर पर कहा कि आप पक्ष और विपक्ष के विधायक हैं. आप सदन में प्रतिद्वंदी नहीं हैं. यहां सौहार्दपूर्ण माहौल की जरूरत है. आप लोग सामंजस्य बनाकर जनहित में बेहतर काम कर सकते हैं. धनखड़ ने कहा कि जीवन में सीखने की प्रक्रिया निरंतर चलती रहती है. सदन में नए विधायकों को पुराने विधायकों से भी काफी कुछ सीखने मिलेगा.

मौलिक अधिकार को बताया अहम

उपराष्ट्रपति ने संविधान सभा के गठन और भारत के संविधान के निर्माण की प्रक्रिया के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि विधायिका के सदस्यों के लिए संविधान को जानना बेहद जरूरी है. जन आकांक्षाओं के अनुरूप कानूनों में बदलाव विधायिका का प्रमुख कार्य है. प्रचलित कानूनों में बदलाव भारत में ही नहीं दुनिया के सभी देशों में होता है.
उन्होंने कहा कि प्रजातांत्रिक व्यवस्था में मौलिक अधिकार बहुत अहम हैं. इसके बिना प्रजातंत्र नहीं चल सकता है.

नावश्यक व्यवधान जनता नहीं करती है पसंद 

उपराष्ट्रपति ने नवनिर्वाचित विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि कोई भी अधिकार बिना जिम्मेदारी के नहीं आता. आप सदन में अपने बोले हुए हर शब्द के लिए जवाबदेह हैं. आप सब लोग इतिहास का हिस्सा रहेंगे. आपके योगदान का आगे मूल्यांकन होगा. नए विधान के निर्माण में आपकी चिंता, चिंतन और मंथन दिखाई देना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रतिपक्ष की सबसे बड़ी ताकत सदन को चलने देने में है. अनावश्यक व्यवधान को जनता पसंद नहीं करती है. 

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धनखड़ ने कहा कि सदन नियमों से चलता है. सभी सदस्यों को इन नियमों को मानना होता है. जनता चाहती है कि सदन में उनके मुद्दों पर चर्चा-परिचर्चा हो और जनप्रतिनिधियों द्वारा जनकल्याणकारी निर्णय लिए जाएं. उपराष्ट्रपति ने कहा कि विपक्ष द्वारा सरकार की आलोचना रचनात्मक और समाधान पूर्ण होना चाहिए. विपक्ष को जनता के मुद्दों को ‘टेलीस्कोप' की तरह देखना चाहिए और सरकार के काम पर ‘माइक्रोस्कोप' की तरह नजर रखना चाहिए. राज्य के धन का सदुपयोग हो, यह बजट चर्चा के दौरान आप लोगों को देखना चाहिए.

उन्होंने कहा कि ईश्वरीय अनुकंपा छत्तीसगढ़ पर बहुत है. यह विकास की सारी संभावनाएं समेटे हुए हैं। उन्होंने सभी विधायकों से अपील की कि छत्तीसगढ़ को विकास के मार्ग पर आगे बढ़ाएं.

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