CG NEWS: "शिक्षा नहीं, समझ जरूरी है" यह साबित कर दिखाया है जांजगीर-चांपा जिले की एक अनपढ़ लेकिन जागरूक मां लक्ष्मीन बाई ने. ग्राम गौद निवासी लक्ष्मीन बाई ने बाल विवाह के खिलाफ जो साहसिक कदम उठाया, उसकी पूरे जिले में तारीफ हो रही है.
दरअसल, लक्ष्मीन बाई ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंचकर जानकारी दी कि उसके दो बच्चों एक 17 वर्षीय पुत्र और एक 19 वर्षीय पुत्री की शादी की तैयारी चल रही थी. समाज के दबाव में आकर यह विवाह सोठी गांव के ननकीदाऊ के नाबालिग बेटे और बेटी से तय की गई थी.
लक्ष्मीन बाई ने पुलिस को बताया कि उसका बेटा और उसकी होने वाली पुत्रवधू दोनों ही नाबालिग हैं, जबकि बेटी भले ही बालिग हो चुकी है, लेकिन उसका होने वाला दामाद अभी भी 18 वर्ष से कम उम्र का है.
पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल कार्रवाई की और मौके पर पहुंचकर विवाह की प्रक्रिया को रुकवाया. समाज प्रमुखों और परिजनों को समझाइश दी गई, और तीनों प्रस्तावित बालविवाह रुकवा दिए गए.
इलाके में हो रही है चर्चा
आदिवासी समुदाय से आने वाली लक्ष्मीन बाई खुद पढ़ी-लिखी नहीं हैं, लेकिन उन्हें यह अच्छी तरह पता है कि बालविवाह कानूनी अपराध है और बच्चों के भविष्य के लिए घातक भी। उनकी इसी जागरूकता और साहसिक पहल के कारण तीन नाबालिग बच्चों की जिंदगी समय रहते संवारी जा सकी.
अब यह घटना पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बनी हुई है.