वोटिंग के दिन बदल गए चुनाव चिह्न, उम्मीदवार ने लगाए गंभीर आरोप, जानें क्या हुई गड़बड़ी

Chhattisgarh Elections: छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में पंचायत चुनाव में मतदान अनियमितताओं का मामला सामने आया है. एक उम्मीदवार ने आरोप लगाया है कि मतदान के दिन उनका चुनाव चिह्न बदल दिया गया था, जिससे चुनाव परिणाम प्रभावित हुआ.

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छत्तीसगढ़ पंचायत चुनाव

CG Panchayat Election: छत्तीसगढ़ में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव संपन्न हो चुके हैं लेकिन इससे जुड़े विवाद कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं. अब कोरिया जिले के ग्राम पंचायत मुरमा के वार्ड क्रमांक 03 में पंच पद के लिए हुए चुनाव में गड़बड़ी का मामला सामने आया है.

जानकारी के अनुसार, प्रत्याशी प्रभावती सिंह, जिन्होंने फावड़ा छाप चुनाव चिह्न पर नामांकन भरा था, उन्हें मतदान के दिन सीढ़ी छाप से जोड़ दिया गया, जिससे चुनाव परिणाम प्रभावित हुआ. प्रभावती सिंह ने बताया कि नामांकन के दौरान उन्हें 6 फरवरी 2025 को रिटर्निंग ऑफिसर द्वारा फावड़ा छाप आवंटित किया गया था लेकिन मतदान के दिन 23 फरवरी 2025 को प्राथमिक पाठशाला मुरमा स्थित मतदान केंद्र में उनके चुनाव चिह्न को बदलकर सीढ़ी छाप कर दिया गया.

इसी वार्ड से दूसरी प्रत्याशी रुक्मणी ईश्वर सिंह को सीढ़ी छाप मिला था, लेकिन मतदान के दिन उन्हें फावड़ा छाप दिया गया मतदान के बाद गिनती में प्रभावती सिंह को फावड़ा छाप पर 51 और सीढ़ी छाप पर 25 मत प्राप्त हुए. जबकि रुक्मणी को फावड़ा छाप पर ज्यादा मत मिलने के कारण उन्हें विजयी घोषित किया गया. प्रभावती सिंह का कहना है कि अगर उनका सही चुनाव चिह्न रहता, तो वे विजयी होतीं, क्योंकि जीत-हार का अंतर मात्र 26 मतों का था. 

क्या बोले मतदाता? 

स्थानीय निवासी मनीष साहू ने कहा बताया कि यह बहुत बड़ी लापरवाही है. 6 तारीख को प्रभावती को फावड़ा और रुक्मणी को सीढ़ी छाप मिला था, लेकिन मतदान के दिन इनका चुनाव चिह्न बदल गया. इससे चुनाव में पारदर्शिता पर सवाल उठते हैं. प्रशासन को इस मामले की जांच करनी चाहिए. 

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उम्मीदवार के पति ने उठाए सवाल

प्रभावती सिंह के पति फुरमान सिंह ने भी निर्वाचन प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कहा कि उनकी पत्नी ने प्रचार फावड़ा छाप के नाम पर किया था, लेकिन मतदान के दिन दीवार पर उनका चिन्ह सीढ़ी छाप दिखाया गया. उन्होंने चुनाव आयोग से निष्पक्ष जांच की मांग की है. 

अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस मामले को कितनी गंभीरता से लेता है और क्या चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता बनाए रखने के लिए कोई ठोस कदम उठाए जाते हैं. 

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