CG News: ईओडब्ल्यू की बड़ी कार्रवाई; सौम्या चौरसिया की 16 संपत्तियां जब्त, शराब घोटाले में 28 अफसरों को जमानत

EOW Action: छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में 28 आबकारी अधिकारियों को ईओडब्ल्यू कोर्ट से जमानत मिली है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत सभी अधिकारी अग्रिम जमानत के कागजात लेकर कोर्ट पहुंचे थे. अदालत ने प्रत्येक अधिकारी को 1-1 लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी. वहीं लोकसेवकों की अनुपातहीन संपत्ति कुर्की की पहली कार्रवाई हुई है.

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CG News: ईओडब्ल्यू की बड़ी कार्रवाई; सौम्या चौरसिया की 16 संपत्तियां जब्त, शराब घोटाले में 28 अफसरों को जमानत

EOW Action Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार (Corruption) और अनुपातहीन संपत्ति (Disproportionate Assets) के मामलों पर आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (EOW) ने पहली बड़ी कार्रवाई की है. ईओडब्ल्यू ने आईएएस (IAS) अफसर सौम्या चौरसिया (Soumya Chaurasia) की करीब 8 करोड़ रुपये मूल्य की 16 संपत्तियों की कुर्की का आदेश जारी किया है. वहीं ईओडब्ल्यू कोर्ट (EOW Court) ने छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला (Chhattisgarh Liquor Scam) मामले में 28 आबकारी अधिकारी (Excise Officers) को जमानत (Bail) दे दी है. आइए जानते हैं पूरा मामला.

सौम्या पर क्या हैं आरोप?

न्यायालय की अनुमति के बाद यह कार्रवाई की गई. ईओडब्ल्यू ने बताया कि जांच में सौम्या चौरसिया ने अपने करीबियों के नाम पर 47 करोड़ रुपये मूल्य की 45 अचल संपत्तियां खरीदीं. इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने कोयला लेवी और अन्य भ्रष्ट स्रोतों से अर्जित 39 करोड़ रुपये की 29 संपत्तियों को कुर्क कर चुकी है. ईओडब्ल्यू का कहना है कि आगे भी भ्रष्ट अधिकारियों की अनुपातहीन संपत्तियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी.

शराब घोटाला मामले में 28 अफसरों को जमानत

वहीं छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाला मामले में 28 आबकारी अधिकारियों को ईओडब्ल्यू कोर्ट से जमानत मिली है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के तहत सभी अधिकारी अग्रिम जमानत के कागजात लेकर कोर्ट पहुंचे थे. अदालत ने प्रत्येक अधिकारी को 1-1 लाख रुपये के निजी मुचलके पर जमानत दी.

ईओडब्ल्यू की जांच में 3,200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले का खुलासा हुआ है, जिसमें 29 आबकारी अफसरों को आरोपी बनाया गया. इनमें से 7 अधिकारी रिटायर हो चुके हैं, जबकि शेष 22 अधिकारियों को राज्य सरकार ने निलंबित किया है. आरोप है कि इन अधिकारियों ने 2019 से 2023 के बीच लगभग 90 करोड़ रुपये की अवैध वसूली की.

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हाईकोर्ट से 18 अगस्त को अग्रिम जमानत याचिका खारिज होने के बाद अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद सभी को शर्तों के साथ राहत दी.

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