CG High Court: गर्भवती महिला के गर्भपात का मामला पहुंचा हाईकोर्ट, अब इस दिन होगी सुनवाई

Bilaspur CIMS: पीड़ित महिला का आरोप है उसे दिया गया इंजेक्शन किसी अन्य मरीज के लिए था. उसने दावा किया कि एक वरिष्ठ नर्सिंग स्टाफ ने उसकी मां से कहा कि यह इंजेक्शन किसी दूसरे मरीज के लिए था. परिजनों का कहना है कि अस्पताल की लापरवाही के कारण पांच महीने का गर्भ नष्ट हो गया, जिससे परिवार मानसिक तनाव में है.

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Chhattisgarh High Court: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने गर्भवती महिला के गर्भपात मामले पर क्या कहा?

Bilaspur CIMS Hospital: सिम्स में गर्भवती महिला के गर्भपात के मामले में छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (CG High Court) ने कलेक्टर द्वारा पेश जांच रिपोर्ट पर कार्रवाई को लेकर जवाब मांगा है. गुरुवार को चीफ जस्टिस रमेश कुमार सिन्हा और जस्टिस रविन्द्र कुमार अग्रवाल की बेंच में सुनवाई हुई, जहां राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता यशवंत सिंह ठाकुर ने जांच रिपोर्ट पेश की. कोर्ट ने जांच रिपोर्ट के बाद की गई कार्रवाई का जवाब अगली सुनवाई में पेश करने का निर्देश दिया है.

क्या है मामला?

कोटा थाना क्षेत्र के करगीकला निवासी गर्भवती महिला को पेट दर्द की शिकायत पर 13 मार्च 2025 को सिम्स में भर्ती कराया गया था. परिजनों का आरोप है कि इलाज के दौरान गलत इंजेक्शन दिए जाने से पांच माह का गर्भपात हो गया. महिला के पति ने अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए न्याय की मांग की.

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मामले की गंभीरता को देखते हुए कलेक्टर अवनीश शरण ने डॉक्टरों की टीम गठित कर जांच के आदेश दिए थे. कोर्ट में बताया गया कि महिला को पहले कोटा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया था, जहां से सिम्स रेफर किया गया.

इलाज के दौरान प्रोटोकॉल का पालन किया गया और कोई दवा या इंजेक्शन नहीं दिया गया. कोर्ट ने जांच रिपोर्ट के बाद की गई कार्रवाई का जवाब अगली सुनवाई में पेश करने का निर्देश दिया है. अगली सुनवाई 7 अप्रैल 2025 को होगी.

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कोर्ट ने क्या कहा?

छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश रमेश सिन्हा ने राज्य के स्वास्थ्य सचिव से इस घटना पर जवाब मांगा है. अदालत ने यह भी पूछा है कि इस तरह की लापरवाहियों को रोकने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है? अदालत ने स्वास्थ्य सचिव को निर्देश दिया है कि वे मामले से जुड़ी पूरी जानकारी शपथ पत्र के माध्यम से प्रस्तुत करें. 

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अस्पताल प्रबंधन का क्या कहना है?

सिम्स की ओर से बताया कि महिला को पहले से रक्त स्त्राव की समस्या थी. ऐसे में गर्भपात का कारण भी यह फैक्टर हो सकता है. अस्पताल प्रबंधन ने मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय समिति गठित की है, जो यह पता लगाएगी कि गर्भपात किस वजह से हुआ.

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