छात्रों को जबरन नमाज पढ़ाने के आरोपी प्रोफेसर को नहीं मिली राहत, हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका

Bilaspur High Court: छत्तीसगढ़ के गुरु घासीदास विश्वविद्यालय में छात्रों को जबरन नमाज पढ़ाने के आरोपी प्रोफेसर दिलीप झा की याचिका बिलासपुर हाईकोर्ट ने खारिज कर दी है. कोर्ट ने कहा कि FIR रद्द नहीं होगी.

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GGU Namaz Controversy: छत्तीसगढ़ की एक मात्र सेंट्रल यूनिवर्सिटी गुरु घासीदास विश्वविद्यालय (GGU) में में छात्रों को जबरन नमाज पढ़ाने के आरोपी प्रोफेसर की याचिका हाईकोर्ट ने खारिज कर दी. कोर्ट ने कहा कि FIR रद्द नहीं होगी. आरोपी प्रोफेसर ने इस मामले को राजनीति से प्रेरित बताते हुए केस खत्म करने की मांग की थी.

छात्रों का आरोप है कि NSS कैंप में 150 से ज्यादा हिंदू छात्रों को ईद के दिन जबरदस्ती नमाज पढ़वाई गई. शिकायत के बाद पुलिस ने प्रोफेसर दिलीप झा को गिरफ्तार कर लिया. जांच अभी जारी है. 

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क्या है पूरा मामला? 

दरअसल, गुरु घासीदास यूनिवर्सिटी की NSS इकाई ने कोटा के वनांचल क्षेत्र शिवतराई में 26 मार्च से 1 अप्रैल तक कैंप लगाया था. कैंप में शामिल होने वाले हिंदू छात्रों ने आरोप लगाया कि ईद पर्व के दिन उन्हें जबरदस्ती नमाज पढ़ाया गया और उनका ब्रेनवॉश किया गया. छात्रों ने इस मामले की शिकायत कोनी थाने में कराई. 

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मचा था बवाल

बता दें कि घटना की जांच के लिए विश्वविद्यालय ने फैक्ट फाइडिंग कमेटी बनाई थी. लेकिन, कमेटी की न तो रिपोर्ट सार्वजनिक की गई और न ही मामले में कोई कार्रवाई की, इसके बाद आक्रोशित हिंदूवादी संगठनों ने विश्वविद्यालय का घेराव किया. उन्होंने कुलपति प्रो. आलोक चक्रवाल को हटाने तक की मांग की. लगातार बवाल मचने के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया, जिसमें NSS के कोआर्डिनेटर दिलीप झा, मधुलिका सिंह, सूर्यभान सिंह, डॉ. ज्योति वर्मा, प्रशांत वैष्णव, बसंत कुमार और डॉ. नीरज कुमारी पर मामला दर्ज किया गया. इन आरोपियों की गिरफ्तारियां भी की गई. 

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