CG Bridge Collapsed: बारिश ने खोली PWD विभाग की पोल...भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा उम्मीदों का एक और पुल

Bridge Collapsed In Balod: बालोद जिले में मूसलाधार बारिश ने गुरुर ब्लॉक के मोहारा गांव में पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा निर्मित पुल की पोल खोल दी है. पुल निर्माण में साफ-साफ भ्र्ष्टाचार उजागर हो रहा है. यह अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं कि बारिश में कागजी साबित हुए कितना भ्रष्टाचार हुआ होगा. 

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बारिश में भरभरा कर गिरा बालोद जिले मोहारा गांव में बना पुल

Bridge Collapsed In Chhattisgarh: लाखों-करोड़ों रुपए की लागत से बने पुलों की परीक्षा अक्सर बरसात में होती है. छत्तीसगढ़ के बालोद जिले में बना एक ऐसा ही पुल इस परीक्षा में फेल हो गया. इतना ही नहीं, बारिश के पानी ढहे पुल से आसपास बड़ा गड्ढा बन गया है. इससे जिले के मोहरा गांव के लोगों की जान जोखिम में आ गई है.

लगातार बारिश के कारण बालोद जिले के गुरुर ब्लॉक का जो पुल ढह गया, उसका निर्माण पीडब्ल्यूडी विभाग ने कराया था, इससे विभाग की पोल खुल गई है. पुल निर्माण में भ्रष्टाचार साफ उजागर हो रहा है. अंदाजा लगाना मुश्किल नहीं है कि पुल निर्माण में कितना भ्रष्टाचार हुआ है.

 मोहारा गांव में निर्मित पुल के निर्माण में हुआ था भ्रष्टाचार का खेल 

रिपोर्ट के मुताबिक  बालोद जिले में पिछले कुछ दिनों से लगातार बारिश हो रही है, जिससे सड़कों पर जगह-जगह गड्ढा बन गया है. लोगों के आवागमन मुख्य स्रोत पुल भी अब बारिश की पानी में बह जाने से लोगों को मुश्किल का सामना करना पड़ रहा है. निः संदेह बारिश में बहेउम्मीदों के पुल ने पीडब्लूडी विभाग की पोल खोल दी है.

बारिश में बहे उम्मीदों के पुल से ग्रामीणों का हुआ बुरा हाल

जिले के मोहारा गांव ने निर्मित पुल बारिश की पानी में पहने से ग्रामीणों को आवागमन में दिक्कत हो रही है. मोहारा से अरमरीकला गांव को जाने वाली सड़क की हालत पहले ही जर्जर थी, लेकिन पुल भी बारिश में बह जाने से लोगों की आखिरी उम्मीद भी खत्म हो गई है, क्योंकि पुल बहने से वहां से गुजरना ग्रामीणों के लिए जोखिम वाला हो गया है.

ताश के पत्तों की तरह ढहे पुल के निर्माण में हुआ भ्रष्टाचार उजागर

बारिश की पानी बहे पुल के निर्माण में हुए भ्रष्टाचार का अंदाजा लगाया जा सकता है. साफ झलकता है कि पीडब्ल्यूडी विभाग द्वारा बनाए गए पुल में घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया गया होगा. पुल बह जाने से सड़क का हिस्सा और पुल के बीच एक बड़ा गड्ढा बन गया है, जिसे पार करके मोहारा गांव के ग्रामीण दूसरे गांव जाते है.

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बारिश की पानी में बह चुके पुल को दोबारा बनाने के लिए मोहारा गांव के सरपंच ने कलेक्टर से लेकर सभी विभागों में ज्ञापन दिया है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. अब ग्रामीणों ने मामले में जल्द कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है.

जान जोखिम में डाल कर पुल पार करने पर मजबूर हुए ग्रामीण

बारिश में बहे पुल के आसपास बने गड्ढा किसी बड़ी दुर्घटना को दावत दे रहे हैं, जहां से रोजाना कॉलेज के छात्र भी गुजरते हैं. पुल से गुजर रहे छात्रों की यह सोचकर रुह तक कांप जाती है कि कहीं किसी दिन वो हादसे के शिकार न हो जाएं. यही नहीं, पुल के बह जाने से पुल की मदद से रोजाना दूसरे गांव में जाने वाले लोगों को भी काफी मुश्किल हो रही है.

सुनवाई नहीं होने से नाराज ग्रामीणों ने आंदोलन की दी चेतावनी

बारिश की पानी में बह चुके पुल को दोबारा बनाने के लिए मोहारा गांव के सरपंच ने कलेक्टर से लेकर सभी विभागों में ज्ञापन दिया है, इसके बावजूद अब तक कोई सुनवाई नहीं हो सकी है. अब ग्रामीणों ने संबंधित अधिकारियों से पुल बनाने की मांग की है और मामले में जल्द कार्रवाई नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है.

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