बिरजू राम हत्याकांड: किसने की नक्सलियों की मदद? NIA की छापेमारी से बड़ा खुलासा होने के आसार

Birju Ram Murder: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने छत्तीसगढ़ में बिरजू राम हत्याकांड के सिलसिले में छापेमारी की. इस दौरान कई संदिग्ध सामग्री और दस्तावेज जब्त किए गए. एनआईए ने बिरजू राम हत्याकांड में माओवादी संलिप्तता की जांच शुरू की है.

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Chhattisgarh NIA searches: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने सोमवार को भाजपा नेता बिरजू राम तारम (Birju Ram Taram) की हत्या की जांच के लिए छत्तीसगढ़ में सीपीआई (माओवादी) से जुड़े संदिग्धों के कई स्थानों पर छापेमारी की. इस छापेमारी के बाद इस मामले में बड़े खुलासे के आसार हैं. 

महाराष्ट्र की सीमा से लगे राज्य के मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में छह स्थानों पर एनआईए की टीमों ने गहन तलाशी ली, जिसमें संदिग्धों के परिसरों से मोबाइल फोन, लैपटॉप, प्रिंटर, हार्ड डिस्क, मेमोरी कार्ड और पेन ड्राइव के साथ-साथ अन्य आपत्तिजनक सामग्री/दस्तावेज जब्त किए गए. 

यह छापेमारी प्रतिबंधित नक्सली संगठन सीपीआई (माओवादी) के समर्थकों और ओवरग्राउंड वर्कर्स (ओजीडब्ल्यू) के आवासीय परिसरों में की गई. 

ये है संदेह

एनआईए द्वारा जारी बयान में कहा गया कि समर्थकों/ओजीडब्ल्यू पर तारम की नृशंस हत्या में शामिल सीपीआई (माओवादी) के सशस्त्र कैडरों को शरण देने, शरण देने और रसद सहायता प्रदान करने में शामिल होने का संदेह है. 

8 मार्च 2024 से जांच कर रही है NIA 

अक्टूबर 2023 में जिले के नक्सल प्रभावित औंधी थाना क्षेत्र के सरखेड़ा गांव में आदिवासी तारम की उसके घर के बाहर अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी. 8 मार्च 2024 को एनआईए ने मामले की जांच अपने हाथ में ले ली. 

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