
Suspend Patwari Sucide Case: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में सस्पेंड हुए एक पटवारी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. ये 30 जून को रिटायरमेंट होने वाले थे. इसके महज 3 दिन पहले ही उन्होंने इतना बड़ा कदम उठा दिया. सुसाइड करने के पहले पटवारी ने एक सुसाइड नोट भी छोड़ा है. जिसमें उसने खुद को निर्दोष बताया है. पूरा मामले जिले के सकरी थाना क्षेत्र का है.
बहन के फार्म हाउस में मिला शव
जिले के सकरी थाना के प्रभारी प्रदीप आर्य ने बताया कि सुरेश कुमार मिश्रा का शव गांव में उसकी बहन के फार्म हाउस के एक कमरे के छत में लगे हुक से बंधे फंदे से लटका पाया गया.घटना के बारे में जानकारी मिलने के बाद पुलिस दल को घटनास्थल के लिए रवाना किया गया तथा शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया.
घटनास्थल पर एक पत्र बरामद किया गया है, जिसमें लिखा गया है वह निर्दोष है और कथित अनियमितता (सड़क परियोजना के तहत भूमि अधिग्रहण और मुआवजा देने) में कुछ अन्य राजस्व अधिकारी और एक ग्रामीण संलिप्त है.
पुलिस अधिकारी ने बताया कि वहां जिला कलेक्टर को संबोधित एक पत्र भी मिला, जिसमें मिश्रा ने खुद को निर्दोष बताया और अपनी बहाली का अनुरोध किया है.
25 जून को दर्ज हुई थी FIR
25 जून को तत्कालीन तहसीलदार डीआर उइके और तत्कालीन पटवारी सुरेश कुमार मिश्रा के खिलाफ भारतमाला परियोजना के तहत राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 130 ए (बिलासपुर-उरगा) मुख्य सड़क के निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया और मुआवजे की गणना में कथित रूप से अनियमितता करने के आरोप में तोरवा थाने में मामला दर्ज हुई थी. अधिकारियों ने बताया कि अनुविभागीय दंडाधिकारी (एसडीएम) बिलासपुर और जिला स्तरीय समिति ने पूरे मामले की जांच की थी,. इसके बाद वर्तमान तहसीलदार की शिकायत के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई. जांच से पता चला कि राजस्व रिकॉर्ड में जालसाजी और भूमि के अवैध हस्तांतरण/विभाजन के कारण अतिरिक्त मुआवजा की गणना की गई, जिससे सरकारी खजाने को आर्थिक क्षति होती.
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24 जून को हुआ था सस्पेंड
अधिकारियों ने बताया कि प्रकरण पंचाट (आर्बिटेटर) में लंबित होने के कारण मुआवजा वितरित नहीं हो पाया है और सड़क निर्माण कार्य बाधित है, जिसके कारण आम लोग सड़क सुविधा से वंचित हो रहे हैं. सरकार की छवि भी धूमिल हो रही है. मिश्रा को 24 जून को निलंबित कर दिया गया था.
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