Apollo Hospital Bilaspur,: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के एक निजी अस्पताल में एक युवक की मृत्यु होने के सात वर्ष बाद पुलिस ने इलाज में लापरवाही बरतने के आरोप में चार डॉक्टरों को गिरफ्तार किया है. हालांकि, बाद में सभी डॉक्टरों को मुचलके पर रिहा कर दिया गया. पुलिस अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि बिलासपुर के एक युवक की अपोलो अस्पताल में मौत के सात साल बाद इलाज में लापरवाही बरतने और सबूत मिटाने के आरोप में अपोलो अस्पताल के चार वरिष्ठ डॉक्टरों को शुक्रवार को गिरफ्तार किया गया. अधिकारियों ने बताया बाद में सभी डॉक्टरों को मुचलके पर रिहा कर दिया गया. उन्होंने बताया कि इस मामले में अस्पताल प्रबंधन पर भी कार्रवाई होगी.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि 26 दिसंबर 2016 को बिलासपुर के अपोलो अस्पताल से पुलिस को जानकारी मिली थी कि शहर के सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के निवासी गोल्डी उर्फ गुरवीन छाबड़ा (29) की जहर खाने से अस्पताल में मौत हो गई है. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जानकारी के बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया था. उन्होंने बताया कि मामले की जांच के दौरान मृतक गोल्डी के परिजनों ने अपोलो अस्पताल प्रबंधन और संबंधित चिकित्सकों पर इलाज में लापरवाही बरतने और गलत इलाज करने का आरोप लगाया था. इसके साथ ही परिजनों ने इस संबंध में पुलिस ने मामला दर्ज कराया था.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि परिजनों की शिकायत के बाद बिलासपुर के छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान (सिम्स) में शव का पोस्टमार्टम किया गया. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि संभागीय मेडिकल बोर्ड, छत्तीसगढ़ आयुर्विज्ञान संस्थान बिलासपुर की रिपोर्ट में युवक के इलाज के दौरान अपोलो अस्पताल प्रबंधन और संबंधित चिकित्सकों की ओर से लापरवाही बरतने की बात की पुष्टि हुई थी. उन्होंने बताया कि इस मामले में 27 सितंबर 2023 को राज्य शासन के मेडिकोलीगल विभाग से रिपोर्ट प्राप्त हुई. उन्होंने बताया कि रिपोर्ट में विशेषज्ञों ने चिकित्सकों और अस्पताल प्रबंधन की ओर से लापरवाही बरतने के संबंध में अलग-अलग बिंदुओं पर उल्लेख किया है.
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पुलिस अधिकारियों के मुताबिक पुलिस और मेडिकल बोर्ड विशेषज्ञ की जांच रिपोर्ट के आधार पर डॉक्टर देवेन्द्र सिंह, डॉक्टर राजीव लोचन, डॉक्टर मनोज राय और डॉक्टर सुनील केडिया के खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद सभी को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया. हालांकि, बाद में इन सभी को निजी मुचलके पर रिहा कर दिया गया. उन्होंने बताया कि इस प्रकरण में अपोलो अस्पताल प्रबंधन और अन्य डॉक्टरों की लापरवाही के संबंध में और भी जांच की जा रही है.
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