Bilaspur Jail: जेल में सुधार के दावों पर सवाल! सरकार से हाईकोर्ट ने तलब किया जवाब, जानें पूरा मामला

Bilaspur Jail Case: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने बिलासपुर जेल को चिट्ठी भेजकर जवाब मांगा है. जानकारी के अनुसार, पूरा मामला कैदी से दुर्व्यवहार और अवैध गतिविधियों से जुड़ा हुआ है.

विज्ञापन
Read Time: 2 mins
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने कोर्ट को जारी किया नोटिस

CG News in hindi: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) ने सारंगढ़ उपजेल में कैदी से दुर्व्यवहार और अवैध गतिविधियों के मामले में कड़ा रुख अपनाते हुए प्रदेश सरकार और जेल विभाग से कार्रवाई की प्रगति पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. मुख्य न्यायाधीश रमेश कुमार सिन्हा और न्यायमूर्ति अमितेंद्र किशोर प्रसाद की खंडपीठ ने इस मामले को जनहित याचिका के रूप में सुनवाई के लिए स्वीकार किया है. मंगलवार को हुई सुनवाई में अदालत ने जेल कर्मियों पर हुई विभागीय जांच और कार्रवाई पर संतोषजनक जानकारी न मिलने पर नाराजगी जताई. सरकार की ओर से पेश उपमहाधिवक्ता ने बताया कि मामले की जांच के लिए समिति गठित की गई है. 

मामले में अब तक 10 में से 3 जेल कर्मियों की जांच पूरी कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की गई है, जबकि, 7 अन्य को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. 

अवैध गतिविधियों और यातना से जुड़ा मामला

यह मामला तब सामने आया जब सारंगढ़ उपजेल में कैदी से टॉर्चर और वसूली की घटनाओं की शिकायतें सामने आईं. याचिकाकर्ताओं ने आरोप लगाया कि जेल प्रशासन की अनियमितताओं के कारण बंदियों के साथ दुर्व्यवहार आम हो गया है. पिछले सुनवाई में अदालत ने राहत देते हुए जांच अधिकारी को निर्देश दिया था कि याचिकाकर्ताओं और उनके परिजनों के बयान बिलासपुर में लिए जाएं, ताकि किसी प्रकार की असुविधा न हो.

Advertisement

हाई कोर्ट का रुख और अगला कदम

हाई कोर्ट ने प्रदेश सरकार को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि आरोपी जेलकर्मियों के खिलाफ जांच में तेजी लाई जाए और कार्रवाई की रिपोर्ट पेश की जाए. अदालत ने यह भी सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि जेलों में सुधार के लिए प्रभावी कदम उठाए जाएं. मामले की अगली सुनवाई 15 जनवरी 2025 को होगी.

Advertisement

ये भी पढ़ें :- CG Mahtari Vandan Yojana: महिलाओं को मिली महतारी वंदन योजना की 10वीं किस्त, तो दी ऐसी प्रतिक्रिया

Advertisement

सुधार की जरूरत पर जोर

इस घटना ने जेलों में सुधार और प्रशासनिक पारदर्शिता की मांग को एक बार फिर से प्रासंगिक बना दिया है. अदालत के हस्तक्षेप से इस दिशा में ठोस कदम उठाने की उम्मीद की जा रही है.

ये भी पढ़ें :- सोयाबीन की खरीदी में रुकावट बनी नमी, किसानों को इस तरह किया जा रहा है परेशान, समाधान निकालो सरकार

Topics mentioned in this article