बिलासपुर में यूरिया का बड़ा संकट, खुलेआम कालाबाजारी से किसान परेशान

Bilaspur Urea Crisis: बिलासपुर में यूरिया की किल्लत को लेकर किसान बहुत परेशान हैं. किसानों का आरोप है कि खाद की कालाबाजारी की जा रही है. आइए आपको इसके बारे में विस्तार से जानकारी देते हैं.

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बिलासपुर में किसानों को खाद के लिए हो रही परेशानी

Urea Crisis in Chhattisgarh: हर साल की तरह इस साल भी किसानों को खाद की भारी किल्लत झेलनी पड़ रही है. स्थिति यह है कि सहकारी सोसाइटियों में यूरिया लेने के लिए गरीब किसान घंटों-घंटों और कई बार तो दो-दो दिन तक भूखे-प्यासे लाइन में खड़े रहते हैं, लेकिन आखिर में उन्हें निराश होकर खाली हाथ लौटना पड़ता है. मामला छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले का है, जहां किसान खाद की किल्लत के कारण बहुत परेशान हैं. उनका आरोप है कि यूरिया की खुलेआम कालाबाजारी चल रही है.

मजबूरी में अधिक दाम पर खरीद रहे खाद

सरकार दावा कर रही है कि स्टॉक पर्याप्त है, लेकिन हकीकत यह है कि सोसाइटियों में पर्याप्त मात्रा में यूरिया ही नहीं पहुंच रहा है. मजबूरी में किसान 266 रुपये प्रति बोरी में मिलने वाले यूरिया को स्थानीय कृषि केंद्रों से खरीद रहे हैं, जहां व्यापारी इसे 500 से लेकर 1500 रुपये प्रति बोरी तक बेच रहे हैं. इस कालाबाजारी का असर सीधे फसलों पर पड़ रहा है. किसान प्रति एकड़ एक बोरी की जगह 10 किलो कम यूरिया डाल रहे हैं, जो उनके लिए बहुत मुश्किल फैसला है.

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कृषि विभाग ने कही ये बात

कृषि विभाग उपसंचालक का कहना है कि कालाबाजारी रोकने के लिए 318 जगह निरीक्षण किए गए है. इसमें 111 को नोटिस जारी किए गए हैं, 8 केंद्रों को प्रतिबिंबित और 3 कृषि केंद्रों का लाइसेंस 21 दिनों के लिए निलंबित किया गया है. आगे भी मामले में जरूरी कार्रवाई की जाएगी.

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