Bilaspur: मादक पदार्थ तस्करी के मामले में संभाग आयुक्त का बड़ा एक्शन, दो आरोपियों को भेजा जेल

Ganja Smuggling Case: बिलासपुर में चार साल पहले के गांजा तस्करी के मामले में संभाग आयुक्त ने बड़ा एक्शन लिया है. मामले से जुड़े रमेश दुबे और चूड़ामणि साहू नामक दो आरोपियों को आयुक्त ने जेल भेजा है. आइए आपको बताते हैं पूरा मामला क्या है.

विज्ञापन
Read Time: 3 mins
संभाग आयुक्त ने लिया बड़ा फैसला

Latest News in Hindi: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बिलासपुर (Bilaspur) जिले के संभाग आयुक्त (Divisional Commissioner) ने दो व्यक्तियों, रमेश दुबे और चूड़ामणि साहू को मादक पदार्थों की तस्करी से संबंधित मामले के आधार पर पीआईटी एनडीपीएस (मादक पदार्थ एवं साइकोट्रोपिक पदार्थ अधिनियम) के तहत तीन-तीन महीने की जेल की सजा सुनाई है. यह कदम समाज पर मादक पदार्थों के बढ़ते प्रभाव को रोकने और इस प्रकार की गतिविधियों को भविष्य में न होने की कोशिश करने के उद्देश्य से उठाया गया है. 

चूड़ामणि साहू से जुड़ा मामला

चूड़ामणि साहू, जो सक्ति जिले के बराद्वार थाना क्षेत्र से संबंधित हैं, पर 2020 में 20.5 किलो गांजा जब्त होने का आरोप है. उनके खिलाफ पहले से ही कोर्ट में मामला चल रहा है. मादक पदार्थों की समस्या पर रोक लगाने और समाज में इसके दुष्प्रभाव को कम करने के लिए आयुक्त ने इस मामले में तीन महीने की जेल की सजा सुनाई है.

पीआईटी एनडीपीएस अधिनियम के तहत प्रशासनिक स्तर पर कार्रवाई करते हुए बिना ट्रायल के आरोपियों को हिरासत में भेजा जा सकता है. इसका उद्देश्य मादक पदार्थों की तस्करी को रोकना और समाज में इसके दुष्प्रभाव को कम करना है.

रमेश दुबे का मामला

रमेश दुबे, जो बिलासपुर जिले के कोटा थाना क्षेत्र के निवासी हैं, पर भी मादक पदार्थों की तस्करी के कई आरोप हैं. उनके खिलाफ दर्ज मामलों में साल 2019 में 0.260 किलो गांजा जब्त, 2019 में 1.2 किलो गांजा जब्त और 2021 में 0.50 किलो गांजा जब्त शामिल है. इन मामलों में विचाराधीन स्थिति और संभावित पुनरावृत्ति को रोकने के लिए रमेश दुबे को भी तीन महीने की जेल की सजा दी गई है.

ये भी पढ़ें :- Vardiwala Fake Police: भोपाल में पुलिस की धौंस दिखाकर लोगों से कर रहा था उगाही, राज खुला तो पुलिस रह गई दंग

Advertisement

अधिकारियों ने कही ये बात

अधिकारियों का मानना है कि मादक पदार्थों की तस्करी न केवल कानून-व्यवस्था के लिए खतरा है, बल्कि समाज पर भी इसका गहरा नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. इस प्रकार की कार्रवाई से एक सख्त संदेश जाता है कि नशीले पदार्थों से जुड़े अपराधों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. 

ये भी पढ़ें :- Negligence: घंटों इंतजार के बाद भी नहीं पहुंची 108 एम्बुलेंस, बीच रास्ते महिला ने दिया बच्चे को जन्म 

Advertisement
Topics mentioned in this article