बौखलाए नक्सलियों ने किया ‘कायराना ब्लास्ट’, जानें छत्तीसगढ़ में माओवादियों ने कब-कब किया बड़ा अटैक

Naxal attacks in Chhattisgarh: अतीत में, छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा बलों पर कई हमले हुए हैं, जिसमें दंतेवाड़ा सहित सात जिले शामिल हैं, जिनमें आईईडी का उपयोग किया गया है.

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Naxal attacks in Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों ने एक बड़े हमले को अंजाम दिया है. उन्होंने जवानों को ले जा रही एसयूवी को आईईडी उड़ा दिया, जिसमें छत्तीसगढ़ के 9 पुलिसकर्मी और चालक की मौत हो गई. 

पुलिस ने बताया कि सोमवार को छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों द्वारा एक शक्तिशाली इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (आईईडी) से वाहन को उड़ा दिए जाने से जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) के 9 जवान और 1 नागरिक चालक की मौत हो गई. पिछले दो वर्षों में राज्य में सुरक्षा बलों पर माओवादियों की ओर से किया गया यह सबसे बड़ा हमला था और 2025 में यह पहला हमला था. 

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माओवादियों ने दोपहर करीब 2.15 बजे कुटरू थाना क्षेत्र के अंबेली गांव के पास आईईडी विस्फोट किया, जब दंतेवाड़ा जिले के डीआरजी कर्मी नक्सल विरोधी अभियान के बाद अपने वाहन में लौट रहे थे. पुलिस महानिरीक्षक (बस्तर रेंज) सुंदरराज पी ने बताया कि एसयूवी में सवार सभी आठ डीआरजी जवान और वाहन के चालक की मौके पर ही मौत हो गई. 

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कब-कब हुए बड़े हमले? 

अतीत में, छत्तीसगढ़ के बस्तर क्षेत्र में सुरक्षा बलों पर कई हमले हुए हैं, जिसमें दंतेवाड़ा सहित सात जिले शामिल हैं, जिनमें आईईडी का उपयोग किया गया है. पिछले बड़े हमले में, 26 अप्रैल, 2023 को पड़ोसी दंतेवाड़ा जिले में सुरक्षाकर्मियों को ले जा रहे एक काफिले का हिस्सा, नक्सलियों द्वारा उनके वाहन को उड़ा दिए जाने के बाद दस पुलिसकर्मियों और एक नागरिक चालक की मौत हो गई थी.

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इलाके में तलाशी अभियान शुरू

अधिकारी ने बताया कि डीआरजी राज्य पुलिस की एक इकाई है और इसके कर्मियों की भर्ती ज्यादातर स्थानीय आदिवासी आबादी और आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में से की जाती है. उन्होंने बताया कि घटनास्थल पर अतिरिक्त बल भेजा गया है और मृतकों के शवों को बाहर निकाला जा रहा है. आईपीएस अधिकारी ने बताया कि सुरक्षा बलों ने इलाके में तलाशी अभियान शुरू कर दिया है. 

इस ऑपरेशन में शामिल थे जवान

आईजी ने बताया कि ये डीआरजी जवान नारायणपुर, दंतेवाड़ा और बीजापुर जिलों की सीमाओं पर तीन दिनों तक सुरक्षाकर्मियों की संयुक्त टीमों द्वारा चलाए गए नक्सल विरोधी अभियान में शामिल थे. उन्होंने बताया कि तीन दिनों तक चले अभियान में पांच नक्सली मारे गए और एक डीआरजी हेड कांस्टेबल की भी मौत हो गई. अभियान के बाद दंतेवाड़ा से डीआरजी जवान वाहन से अपने बेस पर लौट रहे थे, तभी कुटरू इलाके में हमला हुआ. सुंदरराज ने बताया कि अंतिम स्थल राज्य की राजधानी रायपुर से करीब 400 किलोमीटर दूर है. 

ऐसा भयानक मंजर...

घटनास्थल से मिले दृश्यों में विस्फोट के बाद कंक्रीट की सड़क पर 10 फीट से अधिक गहरा एक बड़ा गड्ढा दिखाई दे रहा है. विस्फोट में वाहन पूरी तरह नष्ट हो गया, जबकि शवों के टुकड़े प्लास्टिक शीट पर रखे हुए देखे गए. वाहन का एक हिस्सा पास के पेड़ पर लटका हुआ देखा गया. 

‘शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी' 

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने डीआरजी जवानों और चालक की मौत पर दुख व्यक्त करते हुए कहा कि बस्तर क्षेत्र में चल रहे नक्सल विरोधी अभियान से नक्सली हताश हैं और इसलिए उन्होंने इस तरह की कायराना हरकत की है. जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी. उन्होंने कहा कि बीजापुर जिले के कुटरू में नक्सलियों द्वारा किए गए आईईडी विस्फोट में 8 जवानों और एक चालक की शहादत की खबर बेहद दुखद है. मेरी संवेदनाएं शहीदों के परिजनों के साथ हैं. मैं ईश्वर से शहीद जवानों की आत्मा की शांति और शोक संतप्त परिवारों को संबल प्रदान करने की प्रार्थना करता हूं. 

उन्होंने कहा कि बस्तर में चल रहे नक्सल विरोधी अभियान से नक्सली हताश हैं और हताश होकर उन्होंने इस तरह की कायराना हरकत की है. जवानों की शहादत व्यर्थ नहीं जाएगी. नक्सलियों के खात्मे के लिए हमारी लड़ाई मजबूती से जारी रहेगी. 

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