अधूरी सड़क पर ठेकेदार को कैसे मिले 116 करोड़ ? पत्रकार हत्याकांड के बाद जांच करने पहुंची टीम, अफसर भी सवालों के घेरे में 

Mukesh Chandrakar Murder Case: छत्तीसगढ़ के नक्सल इलाकों में हो रहे निर्माण कामों में भरी भ्रष्टाचार हो रहा है. इनमें से एक सड़क बीजापुर के धुर नक्सल इलाके में नेलसनार से मिरतूर- गंगालूर की है. इस सड़क निर्माण कार्य में हुए बड़े भ्रष्टाचार को पत्रकार मुकेश चंद्रकार ने उजागर किया था, इसके बाद उनकी हत्या कर दी गई थी.

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Mukesh Chandrakar Murder Case:   छत्तीसगढ़ के नक्सल इलाकों में हो रहे निर्माण कार्यों में भारी भ्रष्टाचार हो रहा है. इनमें से एक सड़क बीजापुर के धुर नक्सल इलाके में नेलसनार से मिरतूर- गंगालूर की है. इस सड़क के निर्माण में हुए भ्रष्टाचार को उजागर करके पत्रकार मुकेश को अपनी जान गवानी पड़ी.बिना काम के ठेकेदार को जारी हुई राशि से बाद अफसर भी सवालों के घेरे में आ गए हैं. हत्याकांड के बाद इस सड़क की तीन बार जांच हो चुकी है. बताया जा रहा है एक-दो दिनों में उच्चाधिकारियों को रिपोर्ट भी प्रस्तुत हो जाएगी.  

बीजापुर के पत्रकार मुकेश की हत्या सड़क के भ्रष्टाचार उजागर करने पर  ठेकेदार सुरेश चन्द्राकर, अपने दो भाइयों और स्टाफ वर्कर के साथ मिलकर की थी. एक जनवरी को जघन्य रूप से हत्याकर शव को सेप्टिक टैंक डालकर चिनवा दिया था. इस घटना के बाद देशभर में पत्रकार मुकेश चंद्राकार हत्याकांड की चर्चा जोर पकड़ ली. इसके बाद एक बार फिर से बस्तर के पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर अब सवाल उठ रहे हैं. बता दें, पत्रकार मुकेश ने जिस सड़क पर भ्रष्टाचार उजागर किया था. वह सड़क धुर नक्सल प्रभावित इलाके नेलसनार से मिरतूर- गंगालूर तक 52.4 किलोमीटर की है.

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इस सड़क पर जमकर भ्रष्टाचार हुआ है. अकेले ठेकेदार सुरेश चंद्राकर ने  लोक निर्माण विभाग बीजापुर के तात्कालिक अधिकारियों के साथ मिलकर इस सड़क पर  दो बार रिनोवेशन कर काम को तिगुने दर पर लेकर गया. 54 करोड़ की सड़क को 144 करोड़  रुपये में करके 16 भागों में 32 किलोमीटर बना रहा था.  

 यहां आपको यह जानकर हैरानी होगी कि आरोपी ठेकेदार सुरेश चन्द्राकर की विभागीय साठगांठ ऐसी थी कि अभी इस सड़क में मात्र 2 पार्ट मतलब 4 किलोमीटर की सड़क पूर्ण और शेष 28 किलोमीटर की सड़क अधूरी है. लेकिन ठेकेदार ने सांठगांठ कर 90% राशि 116 करोड़ रुपये अनुबंध राशि से आहरण कर लिया है.  बीजापुर पीडब्लूडी के तात्कालिक इस सड़क के सब इंजीनियर, एसडीओ और उच्च अधिकारियों के संरक्षण  में ही इस तरह की बंदरबांट संभव है.

सड़क की आड़ में जंगलों को उजाड़ दिया

इस सड़क के निर्माण के लिए ठेकेदार ने कम से कम 1000 पेड़ों की बलि दी थी. सड़क पर मुरुम डालने के लिए सड़क के किनारे ही जमकर अवैध खुदाई कर पेड़ों को गिराते चला गया. इस पर बीजापुर के वन विभाग से पेड़ों की कटाई से लेकर उत्खनन के लिए किसी तरह का परमिशन भी नहीं लिया गया था.

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20 जवान भी हुए हैं शहीद

 इस सड़क पर 5 कैंप CAF और CRPF के बने हैं. सड़क निर्माण पर लगातार जवान ROP (रोड ओपनिंग पार्टी) देते हैं. तब जाकर नक्सलक्षेत्र में काम चलता है. इस सड़क पर भी लगभग 20 जवान शहादत दे चुके हैं. जवानों की शहादत को व्यर्थ कर ठेकेदार सुरेश चन्द्राकर ने बड़े भ्रष्टाचार को अंजाम दिया था.

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एक भी पुल का निर्माण सही से नहीं किया

इस सड़क पर 20-20 मीटर पर छोटी- बड़ी दर्जनों पुल-पुलिया घटिया क्वालटी से निर्माण की जा रही थी, जिस पर एक मीटर स्पान की जगह 3 मीटर स्पान दर्शाकर धन लूटा जा रहा था. सड़क पर पुलियों के साइड एबॉटमेन्ट टूट गए, तो बहुत जगह 8MM की रॉड भी साफ-साफ भ्रष्टाचार की तरफ इशारा कर रही है. इसकी जांच के लिए  दिसंबर में ही टीम का गठन कर दिया था. इस टीम में एआर मरकाम ईई कोंडागांव, संजय सूयर्वंशी एसई कांकेर, आरएन उसेंडी एसडीओ कोंडागांव, जितेन्द्र साहू सब इंजीनियर कोंडागांव के अलावा 3 अन्य अफसर शामिल हैं. टीम में शामिल जांच अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने 7, 8 और 9 जनवरी को इस सड़क का तीन बार निरीक्षण किया है. चीफ इंजीनियर रावटे ने कहा कि दो दिनों के भीतर जांच प्रतिवेदन उन्हें प्राप्त होगा. रिपोर्ट देखकर इस संबंध में कुछ बता पाएंगे. 

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