छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विजय पाठक और सुनील नामदेव के खिलाफ मानहानि के मामले में कोर्ट में अपना बयान दर्ज कराया है. बघेल के अनुसार, 2024 में इन दोनों ने उनके और उनके परिवार के खिलाफ झूठी और मनगढ़ंत खबरें प्रकाशित कीं. इससे उनकी छवि को नुकसान पहुंचा. उन्होंने अपने वकील के माध्यम से सुनील नामदेव और विजया पाठक को नोटिस भेजा था, लेकिन कोई जवाब न मिलने पर उन्होंने रायपुर की अदालत में मानहानि का दावा प्रस्तुत किया और अपना बयान दर्ज कराया.
इस मामले में सुनील नामदेव और विजया पाठक की ओर से दावा किया गया है कि वे निष्पक्ष पत्रकारिता कर रहे थे. कुछ स्रोतों के अनुसार, सुनील नामदेव को भूपेश बघेल की सरकार के दौरान कथित तौर पर परेशान किया गया था और उन्हें छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा गिरफ्तार भी किया गया था.
मीडिया से क्या बोले भूपेश बघेल
सीएम बघेल ने मीडिया से कहा कि मेरे और मेरे परिवार के खिलाफ मानहानि विजय पाठक और सुनील नामदेव ने खबर चलाई थी. फिर वकील के माध्यम से नोटिस भेजा था. नोटिस का कोई जवाब नहीं आया. अब गुरुवार को कोर्ट के समक्ष उपस्थित होकर अपना बयान दर्ज कराया है. ये लोग मेरे खिलाफ व्यक्तिगत छवि खराब करने के लिए लगातार प्रकाशित कर रहे थे. इस कारण से मैंने उन्हें नोटिस दिया था.
वोट चोरी के आरोप में क्या बोले
वोट चोरी के आरोप के मामले और विजय शर्मा के राहुल गांधी पर कसे तंज को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि वोट चोरी का मामला छत्तीसगढ़ में भी हुआ है. एक-एक विधानसभा में ढूंढेंगे तो हजारों मामले मिलेंगे. छत्तीसगढ़ में बड़े पैमाने पर वोट चोरी का खेल किया गया. विजय शर्मा को अनुराग ठाकुर का बयान देखना चाहिए, उन्होंने भी वोट चोरी की बात कही है, अब तो ये भाजपा कहने लगी है.
बस्तर के 5 जिलों में कल से महतारी वंदन योजना का फार्म भरने के लिए पोर्टल खुलने जा रहा है. इस मामले में भूपेश बघेल ने कहा कि चुनाव के पहले बीजेपी ने कहा रेडी टू ईट महिला समूहों को देंगे. आज तक महिला समूहों को काम मिल नहीं पाया है. पहले कैबिनेट में 18 लाख आवास देने की बात कही थी कितने लोगों को आवास मिल पाया बता दें. महतारी वंदन का फार्म चुनाव के समय तो सबसे भराए, अब चुनाव निपट गए तो नाम काट रहे हैं. धीरे-धीरे नाम कटते जा रहे हैं ताकि लोगों को पता ना चले. जोर का झटका धीरे से लगे ऐसी उनकी कोशिश है.
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