Bemetara Blast का 5वां दिन: आखिर क्या छुपाना चाहती है सरकार... कौन है बारूद फैक्ट्री का मालिक और कब दर्ज होगी FIR?

Bemetara Factory Blast: बेमेतरा के स्‍पेशल बारूद फैक्ट्री में हुए हादसे के 5वें दिन भी किसी जिम्मेदार पर एफआइआर दर्ज नहीं की गई है. इस बीच पूर्व मंत्री भूपेश बघेल ने सरकार पर हादसे के आरोपितों को बचाने का आरोप लगाया है.

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Bemetara Gunpowder Factory Blast: बेमेतरा जिले के बोरसी-पिरदा में बारूद फैक्ट्री में हुए ब्लास्ट का आज 5वां दिन है, लेकिन अब तक पुलिस ना फैक्ट्री प्रबंधन, ना ही अन्य किसी के खिलाफ FIR दर्ज कर पाई है. इतना ही नहीं पुलिस - प्रशासन 8 लापता लोगों की भी तलाश अब तक नहीं कर सकी, जबकि परिजन के द्वारा दिए गए जानकारी के आधार पर 8 लापता लोगों की नाम की घोषणा कर दी है. दरअसल, 25 मई को हुए ब्लास्ट में एक की मौत हो गई थी, जबकि आठ लोग लापता और 6 घायल हो गए थे. वहीं अब तक इस मामले में एफआईआर दर्ज नहीं होने से पीड़ित परिजन नाराजगी जाहिर की है. साथ ही परिजन से लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तक सरकार पर इस मामले को दबाने का आरोप लगाया है.

हालांकि बुधवार, 29 मई को स्पेशल ब्लास्ट लिमिटेड कंपनी में हो रहे उत्पादन और अन्य गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है. ये रोक बेमेतरा कलेक्टर रणवीर शर्मा ने आदेश जारी कर लगाई है. 

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5वां दिन भी नहीं दर्ज हुआ FIR?

बता दें कि 25 मई को बेरला ब्लॉक के अंतर्गत आने वाले ग्राम बोरसी-पिरदा में स्थित स्पेशल ब्लास्ट प्राइवेट लिमिटेड बारूद कंपनी में सुबह 7.30 से 8:00 बजे के बीच ब्लास्ट हुआ था. वहीं इस ब्लासट में फैक्ट्री में काम करने वाले एक मजदूर की मौत हो गई थी, जबकि 6 मजदूर घायल हो गए थे और आठ लोग अभी भी लापता है, लेकिन चार दिन बीत जाने के बाद भी अब तक ब्लास्ट में हुई लापरवाही को लेकर जिला प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई है और ना ही एफआईआर दर्ज की गई है.

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बघेल ने सरकार पर आरोपी को बचाने का लगाया आरोप

इधर, जिला प्रशासन की ओर से ब्लास्ट के लिए जिम्मेदार व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं किए जाने को लेकर अब प्रदेश में राजनीति हलचल बढ़ गई है. विपक्ष लगातार सरकार पर हमलवार है और आरोपी को बचाने का आरोप लगा रही है. इस बीच छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य सरकार की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करते हुए अपने सोशल हैंडल X पर लिखा- सबूत मिटाए जा रहे हैं सांय-सांय. मज़दूरों की जान के सौदागर कौन हैं? किसे बचा रहे हैं “सुशासन” और “गारंटी”? बघेल ने आगे लिखा, 'हम सब शर्मिंदा हैं.'

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सबूत मिटाए जा रहे हैं सांय-सांय.

मज़दूरों की जान के सौदागर कौन हैं? किसे बचा रहे हैं “सुशासन” और “गारंटी”❓ pic.twitter.com/fdBCB86RGz

— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) May 28, 2024


कांग्रेस ने जाहिर की नाराजगी

छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से ब्लास्ट को लेकर जांच टीम का गठन किया गया है. धरसीवां के पूर्व विधायक अनीता शर्मा को टीम के संयोजक बनाया गया था, जांच की टीम घटना स्थल का निरीक्षण कर जांच रिपोर्ट प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज को सौंप दिया है. कांग्रेस के राज्य स्तरीय जांच टीम के सदस्य पूर्व विधायक आशीष छाबड़ा ने बेमेतरा के पुलिस अधीक्षक से मुलाकात की और अब तक फैक्ट्री प्रबंधन के खिलाफ किसी प्रकार की कोई FIR दर्ज नहीं किए जाने को लेकर नाराजगी जाहिर की. उन्होंने प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से विरोध दर्ज जताते हुए तत्काल एफआईआर दर्ज करने के लिए ज्ञापन सौंपा.

इधर, कलेक्टर ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए हैं और इसके लिए बेरला के सब डिविजनल मजिस्ट्रेट पिंकी मनहर को जिम्मेदारी सौंप गई है, जो चार बिंदुओं पर जांच करेगी और जांच रिपोर्ट 45 दिनों में सौंपेगी.

जांच के चार बिंदु-

1. दुर्घटना(विस्फोट) का कारण ?

2. फैक्ट्री प्रबंधन द्वारा किए गए सुरक्षात्मक उपायों का परीक्षण अनुज्ञप्ति भंडारण उपयोग आदि का विवरण ?

3. दुर्घटना (विस्फोट के लिए यदि कोई त्रुटि/लापरवाही है तो उत्तरदायित्व का निर्धारण ?

4. अन्य कोई सुझाव या बिंदु जो जांच अधिकारी सम्मिलित करना आवश्यक समझे?

5. यह चार बिंदु जिला दंडाधिकारी रणबीर शर्मा की ओर से निर्धारित कर जांच के आदेश जारी कर दिए हैं

कानून के जानकारों का कहना है कि आईपीसी की धारा 154 और 155 के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए.

ब्लास्ट में आखिर किसे बचा रही सरकार?

बता दें कि जिला प्रशासन व पुलिस की कार्यप्रणाली को लेकर लगातार सवाल खड़े हो रहे हैं, क्योंकि इस मामले को लेकर कोई भी अधिकारी किसी भी तरह से बयान देने से इंकार कर रहे हैं. इतना ही नहीं प्रशासन कंपनी के मालिक, कार्य करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों तक के नाम उजागर नहीं कर पा रही है.  यहां तक कि कितने मजदूर ब्लास्ट के दौरान फैक्ट्री में मौजूद थे, इसकी भी जानकारी पुलिस नहीं दे रही है.

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