सैलानियों के लिए मानसून ट्रैकिंग, बस्तर की खूबसरत वादियों का उठा सकेंगे आनंद, देखें पूरी डिटेल 

Special Tracking In Monsoon: मानसून में बस्तर की खूबसूरत वादियों का आनंद लेने के लिए जिला प्रशासन ट्रेकिंग का आयोजन कर रहा है. आइए जानते हैं इससे जुड़ी पूरी डिटेल... 

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Tourism Place Bastar: मानसून आते ही छत्तीसगढ़ राज्य के बस्तर जिले का प्राकृतिक नजारा देखते ही बनता है. यहां प्रकृति अपने सबसे खूबसूरत रूप में नजर आती है. हरियाली, झरने और जंगलों का माहौल दिल को खुश कर देता है. इस मौसम में आप परिवार और दोस्तों के साथ बाहर घूमने-फिरने के साथ बस्तर के प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकते हैं. 

बस्तर में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए जिला प्रशासन ने मानसून ट्रैक की थीम पर कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. इसके लिए मानसून के मौसम में  प्राकृतिक सौंदर्य वाले स्थानों पर ट्रैकिंग का आयोजन किया जा रहा है.

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मानसून ट्रैक प्लान के तहत जिले के झरनों और जंगल-पहाड़ों जैसे दर्शनीय स्थलों जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं, वहां प्रशिक्षित स्थानीय गाइडों के माध्यम से भ्रमण करवाया जाएगा. 

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अगर आप वीकेंड पर कहीं घूमने का प्लान बना रहे हैं, तो बस्तर जिले के प्राकृतिक जलप्रपात चित्रकोट, तीरथगढ़, चित्रधारा, मेंदरीघूमर, तामड़ाघूमर, बीजाकसा, मिचनार ये जगहें न सिर्फ प्राकृतिक खूबसूरती से भरपूर हैं, बल्कि यहां मानसून ट्रैक और फोटोग्राफी के लिए भी बेहतरीन माहौल है. 

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बस्तर जिले में पर्यटकों को आने के लिए विशाखापट्टनम से प्रतिदिन रेल सेवा संचालित है. साथ ही विमान सेवा के तहत हैदराबाद से प्रतिदिन, दिल्ली से सप्ताह में दो दिन की विमान सेवा उपलब्ध है. इसके अलावा जगदलपुर सड़क मार्ग से रायपुर, बिलासपुर, अंबिकापुर सहित हैदराबाद, विशाखापट्टनम से नियमित बस की सुविधा भी है.

प्रशासन द्वारा मानसून ट्रैक कार्यक्रम को अन एक्सप्लोर्ड बस्तर के साथ मिलकर किया जा रहा है. मानसून ट्रैक के संबंध में जानकारी के लिए प्रशासन ने 9109188567 और 8962991988 संपर्क नंबर जारी किया है .

मानसून ट्रैक में चिन्हांकित स्थलों के तहत चित्रकोट सर्किट में ट्रैकिंग के लिए चित्रकोट दंडामी रिसॉर्ट से प्रारंभ कर करबहार (मिनी गोआ) 2 किलोमीटर की दूरी में बोटिंग, वाटरफाल, शिवलिंग का दर्शन, जलप्रपात का ऊपर से नजारा दिखाया जाएगा. साथ ही मेंदरी घुमर से इंद्रावती नदी तक 3 किलोमीटर के ट्रैक में रिवर क्रासिंग जंगली इलाके में, मेंदरीघुमर से तामड़ाघुमर तक (7 किमी) में 150 फिट डाउनवर्डस ट्रैक , क्रोकोडाइल साइटिंग, सेंडबिच, बर्ड वाचिंग, प्राकृतिक स्वीमिंग एरिया, तीरथा से बीजाकसा (2.5 किमी) तक की ट्रैकिंग बोटिंग कैम्प, बोनफायर, ट्रायबल फूड, तीरथा गांव का भ्रमण सहित स्थनीय स्तर की पौराणिक कहानी की जानकारी दी जाएगी. बीजाकसा से मेंदरी तक (8 किमी) में वाटरफॉल , वैली व्यू, जंगली जानवर और पंक्षियों की साइटिंग का आनंद लिया जा सकेगा. इसके अलावा मिचनार हिल्स क्षेत्र में ट्रैकिंग भी करवाया जाएगा.

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इन जगहों की भी ट्रैकिंग 

बस्तर जिले में स्थित कांगेर वैली नेशनल पार्क के अधीन आने वाले टोपर वाटरफॉल का ट्रैकिंग, मड़वा वाटरफॉल की ट्रैकिंग, शिवगंगा ट्रैकिंग में जंगल एरिया के बीच जलप्रपात, झरना जंगली जानवर बर्ड वाचिंग करवाया जाएगा. कैलाश गुफा, कैलाश झील, गुड़िया पदर में गांव से जलप्रपात तक (4 किमी) तक ट्रैकिंग करवाई जाएगी. तीरथगढ़ वॉटरफॉल से रानीदरहा वाटरफॉल(3 किमी) तक में जंगल एरिया वाईल्ड लाइफ, बर्ड वाचिंग, मालकेव ट्रैक में मादरकोंटा से तीरथगढ़ (8 किमी) तक जंगलों के बीच ट्रैकिंग करवाई जाएगी. इसके अलावा जिले के माचकोट इलाके में स्थित झील और झरनों के नाम से प्रसिद्ध तिरिया में और माचकोट के जंगलों में भ्रमण करवाने की कार्य योजना बनाई गई है.

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