CG Backward Area : छत्तीसगढ़ के बलरामपुर जिले में आज भी राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे जाने वाले पहाड़ी (पंडो), कोरबा नदी के पानी से अपनी प्यास बुझाने को मजबूर हैं. इसके अलावा गांव तक सड़क नहीं होने की वजह से नदी और जंगल के रास्ते से ग्रामीणों को आवागमन करना पड़ रहा. हैरानी की बात, तो यह है कि जनपद पंचायत के सीओ को ग्रामीणों की समस्या की कोई जानकारी ही नहीं है.
सैकड़ों की आबादी के बीच सिर्फ एक हैंडपंप
पूरा मामला जिले में वाड्रफनगर जनपद पंचायत के चरचरी गांव के लखार पारा की है, जहां पर राष्ट्रपति के दत्तक पुत्र कहे वाले विशेष पिछड़ी जनजाति के पंडो समुदाय की दर्जन भर से ज्यादा घरों की आबादी है, जिसमे करीब दो सौ से ज्यादा की जनसंख्या निवास करती है, और उनके बीच मे पीने के पानी के लिए मात्र एक हैंडपंप लगाया गया, जो इतनी बड़ी आबादी के लिए नाकाफी है. यही वजह है कि बसाहट से दूर रहने वाले ग्रामीण नदी में गड्ढे खोदकर पानी निकालते हैं, और उसी पानी से अपनी प्यास बुझाते हैं.
सड़क का भी है संकट
गांव तक कोई सड़क नहीं होने के कारण गांव में यदि कोई गंभीर बीमार पड़ता है, तो उसे खाट के सहारे मुख्य मार्ग तक पहुंचाया जाता है. गांव तक पहुंचने के लिए ग्रामीणों की जंगल या फिर नदी के रास्ते से दूसरे गांव तक जाना पड़ता है. इसके अलावा गांव में कोई स्कूल भी नहीं है, और बच्चों को लंबी और जोखिम भरे रास्ते को तय करके स्कूल जाना पड़ता है.
तीन साल पहले आए थे डीएम, कर गए थे तमाम वादे
आपको बता दें, कि इसी गांव मे तीन वर्ष पहले जिले के तत्कालीन कलेक्टर अपने प्रशासनिक अमले के साथ यहां पहुंचे थे, और गांव को विकास की मुख्यधारा से जोड़ने के लिए कई वादे भी करके गए थे. लेकिन कलेक्टर साहब के तमाम वादे आज भी खोखले ही साबित होकर रह गए है, जिससे ग्रामीणों को काफी नाराजगी भी है.
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जानें क्या बोले जनपद सीईओ
हालांकि, इस मामले पर NDTV ने जब निजामुद्दीन खान, (जनपद सीईओ वाड्रफनगर) से बात कि तो, उन्होंने कहा चरचरी गांव के लखार पारा में पीने के पानी की कोई समस्या नहीं है. वहां, एक हैंडपंप है. मीडिया के माध्यम से पेयजल और सड़क सुविधा की अभाव की बात बताई जा रही है, तो एक बार वहां जाकर जांच करेंगे. सभी जरूरी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.
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