Balodabazar में शिक्षा के स्तर की आज होगी 'परख', एनसीईआरटी लेगा परीक्षा, यहां देखें पूरी डिटेल 

Balodabazar News: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में शिक्षा के स्तर को जांचने के लिए आज परख परीक्षा होगी. एनसीईआरटी इसका आयोजन कर रहा है. आइए जानते हैं इस बारे में. 

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सांकेतिक फोटो

Chhattisgarh News: राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था का आंकलन करने और उसमें सुधार लाने के उद्देश्य से ‘परख' नामक एक सैंपलिंग परीक्षा आयोजित करने जा रही है. यह परीक्षा बलौदा बाजार जिले के 88 कक्षाओं में आज बुधवार 4 दिसंबर को आयोजित होगी. इसको लेकर तैयारी पूरी कर ली गई है.

शिक्षा के स्तर और गुणवत्ता में सुधार के उद्देश्य से यह परीक्षा बच्चों की सीखने की जरूरतों को समझने और शिक्षा प्रणाली को अधिक प्रभावी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है जिला शिक्षा अधिकारी हिमांशु भारतीय ने कहा कि एनसीईआरटी की ओर से ही पेपर दिए जाएंगे और इसके आधार पर बच्चों के शिक्षा का स्तर आंका जाएगा. परीक्षा से प्राप्त आंकड़े नई शिक्षा नीति बनाने और वर्तमान नीति में संशोधन के लिए उपयोग किए जाएंगे. यह परीक्षा बच्चों के ग्राउंड स्तर के प्रदर्शन को मापने और शिक्षा नीति को अधिक व्यावहारिक बनाने में मदद करेगी.

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क्या है ‘परख'?

‘परख' परीक्षा का उद्देश्य बच्चों के शैक्षणिक स्तर का विश्लेषण करना और उनकी आवश्यकताओं के अनुरूप शिक्षा प्रणाली में सुधार करना है. इस प्रक्रिया के तहत कुछ चुनिंदा बच्चों की पढ़ाई और सीखने की क्षमताओं का आंकलन किया जाएगा. इसके आधार पर लर्निंग आउटकम्स, शिक्षा की गुणवत्ता और नीति-निर्माण के दिशा-निर्देश तैयार किए जाएंगे.

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बलौदा बाजार जिले में हायर और हायर सेकेंडरी स्कूलों की संख्या 204 है, 473 मिडिल स्कूल और 890 प्राइमरी स्कूल हैं. 1 नवोदय विद्यालय, 1 एकलव्य स्कूल, 4 अनुदान प्राप्त स्कूल, 3 डीएवी, 2 मदरसा और 230 प्राइवेट स्कूल हैं.

ग्राउंड स्तर पर आंकलन

एनसीईआरटी इस परीक्षा के माध्यम से यह पता लगाएगी कि शिक्षा की नीतियों को कैसे और अधिक व्यावहारिक बनाया जा सकता है. साथ ही, शिक्षण विधियों को बच्चों की जरूरतों के अनुसार कैसे बदला जा सकता है, इस पर भी ध्यान दिया जाएगा. परीक्षा के परिणाम नीति-निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे. विभागीय अफसरों का कहना है कि इस पहल का मुख्य उद्देश्य शिक्षा प्रणाली में सुधार और इसे बच्चों के विकास के अनुरूप बनाना है. एनसीईआरटी के अनुसार, ‘परख' से प्राप्त जानकारी भविष्य में नई शिक्षा नीति बनाने और वर्तमान शिक्षा प्रणाली को सुदृढ़ करने में सहायक होगी.

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‘परख' परीक्षा के तहत चुनिंदा छात्रों का मूल्यांकन किया जाएगा. परीक्षा के दौरान बच्चों के प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए उनकी शिक्षा संबंधी जरूरतों का आकलन किया जाएगा. इसके आधार पर शिक्षकों और नीति निर्माताओं के लिए दिशानिर्देश तैयार किए जाएंगे.

भविष्य के लिए उम्मीदें

एनसीईआरटी का मानना है कि इस पहल से न केवल शिक्षा के स्तर में सुधार होगा, बल्कि बच्चों की सीखने की प्रक्रिया को भी अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा. शिक्षा प्रणाली को जमीनी स्तर पर मजबूत करने के लिए यह एक महत्वपूर्ण कदम है.

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