Balodabazar News: छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार जिले में गोवंशों की मौत का सिलसिला था थमने का नाम नहीं ले रहा है. लवन के ग्राम मरदा के एक घर में बंद किए जाने से मृत मिले गोवंशों के बाद अब गातापार-कोसमंदी मार्ग पर मवेशियों का शव मिला है, जिनकी संख्या 22 बताई जा रही है.
ये है मामला
पलारी विकासखंड के गातापार-कोसमंदी मार्ग पर बाहर से लाकर 22 गायों के शवों को फेंकने का मामला सामने आया है. यहां पर आज सुबह 24 गाय पाई गई थी, जिसमें से 2 जिंदा घायल अवस्था में मिलने पर उनका इलाज किया जा रहा है. आशंका जताई जा रही है कि देर रात सुनसान रास्ते का फायदा उठा कर सड़क में गायों को फेंक कर कोई चला गया है.
इस वजह से हुई है मौतें
वहीं जिला प्रशासन के तरफ से पशुधन चिकित्सा विभाग के उपसंचालक डॉ.नरेंद्र सिंह ने कहा कि गतापार-कोसमंदी मार्ग पर किसी ने वाहन से लाकर 24 गायों को फेंका है. जिसमें से 2 जीवित मिली हैं, जिनका इलाज किया गया है. एक की हालत ठीक है, जबकि एक घायल अवस्था में है. वहीं 22 गायों की मौत हो गई. जिसका पोस्टमार्टम करने के बाद अंतिम संस्कार किया गया है. मौत के कारणों पर कहा कि छोटे सी जगह पर रखने के कारण मौत की घटना हुई है. उन्होंने लोगों से आह्वान किया है कि छोटी जगहों पर जानवरों को न रखें.
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मंत्री ने दिया ये जवाब
मंत्री टंक राम वर्मा ने गायों की रक्षा के लिए किसानों को खुद सामने आना पड़ेगा. हमें गायों की रक्षा के लिए स्वयं में जागरूकता लानी पड़ेगी. गाय गौरी और गंगा इस देश की विरासत, संस्कृति और जिम्मेदारी है. सभी से आग्रह करूंगा कि सभी अपनी गौ का ध्यान रखें. घर में रखें,घर में पालें, किसी भी हालात में लावारिश न छोड़ें, जिससे सड़क पर हादसा हो. कांग्रेस के आरोपों पर कहा कि गौठान तो कांग्रेस सरकार के समय से ही बंद हो गया था, केवल गठन के नाम पर भ्रष्टाचार हुआ है. उनके कार्यकाल में भी इसी तरह से गायों की मौत होती थी और घूमती थीं.
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