CG News: पुलिस अफसरों को पढ़ाया कानून का ये पाठ, अब ऐसे करेंगे केस की जांच

Chhattisgarh News: तीन नए कानून को लेकर भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत विवेचना करने में आ रही कठिनाई को देखते हुए बलौदा बाजार जिले के 84 वरिष्ठ आरक्षकों को विवेचना के संबंध में एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया है.

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Baloda Bazar News: देश में 1 जुलाई से लागू हुए तीनों नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के तहत विवेचना करने में आ रही कठिनाई को देखते हुए बलौदा बाजार जिले के 84 वरिष्ठ आरक्षकों को विवेचना के संबंध में एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया. जिला अभियोजन कार्यालय बलौदा बाजार से आई प्रशिक्षण टीम ने आरक्षकों को नए कानून का पाठ पढ़ाते हुए विस्तृत जानकारी दी.

दी गई ये जानकारियां

प्रशिक्षण कार्यक्रम के बाद उपस्थित सभी वरिष्ठ आरक्षकों का प्रशिक्षण में बताए गए बिंदुओं में परीक्षा लिया गया. साथ ही फील्ड में विवेचना का व्यावहारिक ज्ञान, विवेचना में वीडियोग्राफी, फोटोग्राफी का महत्व और नेशनल ऑटोमेटिक फिंगर आइडेंटिटी सिस्टम (NAFIS) परियोजना के माध्यम से आरोपियों को सजा दिलाने में फिंगरप्रिंट की महत्ता की जानकारी दी गई. इस प्रशिक्षण के बाद अब इन वरिष्ठ आरक्षकों को विवेचना का अधिकार दिए जाएंगे.

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आरक्षकों को मिला जांच का अधिकार

छत्तीसगढ़ शासन, गृह विभाग द्वारा अधिसूचित भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के अध्याय 05, 06, 11, 12, 13, 14, 15, 17 के विभिन्न धाराओं के अंतर्गत, 10 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण कर चुके और क्रमोन्नति प्राप्त कर वेतन मैट्रिक्स 06 लेवल प्राप्त कर रहे वरिष्ठ आरक्षकों को विवेचना का अधिकार दिया गया. इसी क्रम में जिला पंचायत सभागार बलौदा बाजार में पुलिस अधीक्षक ने एक अभिनव पहल करते हुए विवेचना के अधिकार देने से पहले सभी वरिष्ठ आरक्षकों के लिए अनुसंधान संबंधित एक दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया.

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प्रशिक्षण से जांच की गुणवत्ता में होगा सुधार

प्रशिक्षण कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य पुलिस विभाग में विवेचना की गुणवत्ता को उच्चतम स्तर पर बनाए रखना है. भारतीय न्याय संहिता 2023 की धाराओं के अंतर्गत पंजीबद्ध अपराधों में विवेचना का अधिकार प्राप्त करने वाले वरिष्ठ आरक्षक न केवल अपने ज्ञान को विस्तार देंगे, बल्कि कानून व्यवस्था को सुदृढ़ बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे.

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नए कानून की विशेषता है दंड से ज्यादा न्याय पर

प्रशिक्षण कार्यशाला में जिला अभियोजन कार्यालय से उप संचालक अभियोजन गजेंद्र साहू और जिला अभियोजन अधिकारी सरिता शर्मा ने सभी वरिष्ठ आरक्षकों को नए कानून के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दिया. प्रशिक्षण अधिकारियों ने बताया गया कि नए कानून में भारतीय दंड संहिता को अब भारतीय न्याय संहिता किया गया है, जिसमे विशेषता दंड से ज्यादा न्याय पर आ गया है उन्होंने आगे कहा कि नए कानून में बहुत सारी और चीजें आ रही हैं.साथ ही न्यायालय से समय समय पर जारी निर्देशों से अवगत कराते हुए महत्वपूर्ण बिन्दुओं को प्रशिक्षण में साझा किया गया.

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लंबित मामलों में आएगी कमी

पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल ने कहा कि इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य हमारे आरक्षकों को नवीन कानूनों के तहत विवेचना करने के अधिकार प्रदाय करने से पहले उनको दक्ष करना है. यह पहल ना केवल हमारी पुलिस बल की दक्षता को बढ़ाएगी बल्कि न्याय प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी और प्रभावकारी बनाएगी, इससे लंबित मामलों को भी कम करेगी. इस प्रशिक्षण से आरक्षकों में व्यावहारिक दृष्टिकोण से विवेचना करने की क्षमता भी विकसित होगी. विवेचना की शक्ति बहुत बड़ी शक्ति है, यह शक्ति मिलने पर आप सबकी जवाबदारी भी बड़ी हो जाती है. विवेचना के बिंदुओं को समझना आप सभी के लिए अत्यंत आवश्यक है. विवेचना के हर काम का अपना एक अलग महत्व है. नए कानून में गवाहों की उपस्थिति में वीडियोग्राफी सबसे महत्वपूर्ण है.

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