Chhattisgarh: सरपंच के इस मामले को लेकर SDM ने कर दी बड़ी कार्रवाई, चुनाव लड़ने पर भी लगा बैन

Chhattisgarh News:  छत्तीसगढ़ के विकासखंड बलौदा बाजार के ग्राम पंचायत लटुआ सरपंच पर बड़ी कार्रवाई की गई है. आर्थिक अनियमितता करने वाली सरपंच को एसडीएम ने बर्खास्त कर दिया है, साथ ही चुनाव लड़ने पर भी बैन लगा दिया.जानिए पूरा मामला.

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Chhattisgarh: सरपंच के इस मामले को लेकर SDM ने कर दी बड़ी कार्रवाई, चुनाव लड़ने पर भी लगा बैन.

CG News In Hindi: विकासखंड बलौदा बाजार के ग्राम पंचायत लटुआ की सरपंच महेश्वरी साहू को एसडीएम बलौदा बाजार अमित कुमार गुप्ता ने बर्खास्त कर दिया. उनके खिलाफ छत्तीसगढ़ पंचायती राज अधिनियम की धारा 40 (1) के प्रावधानों के तहत कार्रवाई करते हुए तत्काल प्रभाव से पृथक कर दिया. इसके साथ ही छत्तीसगढ़ पंचयती राज अधिनियम 1993 की  धारा 40(2) के प्रावधानों के तहत 6 वर्ष के लिए पंचायत अधिनियम के अधीन निर्वाचन, सहयोजन के लिए निरर्हित घोषित किया है.

जांच दल गठित कर प्रतिवेदन प्रस्तुत था

दरअसल ग्राम पंचायत लटुआ के ग्रामीणों ने सरपंच महेश्वरी साहू के खिलाफ शिकायत की थी.जनपद सीईओ बलौदा बाजार ने जांच दल गठित कर प्रतिवेदन प्रस्तुत था, जिसमें ग्राम पंचायत और ग्रामसभा द्वारा प्रस्ताव के आधार पर सभी कार्य कराए. लेकिन पंजी में 16 देयकों का भुगतान किया जाना पाया गया, जिसका बिल का भुगतान पूरा नहीं है.

प्रकरण पंजीबद्ध कर कार्रवाई की

 बिना बिल के भुगतान किए जाने के फलस्वरूप छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 92 के तहत 401430 रुपये की वसूली और धारा 40 के तहत कार्रवाई किए जाने के लिए प्रस्तावित किया गया. इस पर प्रकरण पंजीबद्ध कर कार्रवाई किया गया.

इतने का किया गया था भुगतान

आर्थिक अनियमितता करने वाली सरपंच बर्खास्त.

कार्रवाई के दौरान ग्राम पंचायत लटुआ की सरपंच ने मौखिक तर्क में बताया कि उनके द्वारा सभी काम करवाए गए हैं. लेकिन देयक कार्यालय में उपलब्ध नहीं है. द्वितीय प्रति मांगी गई है. मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत बलौदा बाजार के जांच प्रतिवेदन व अनावेदक के तर्क से स्पष्ट है कि ग्राम पंचायत लटुआ के सरपंच व सचिव द्वारा विभिन्न फर्मों को कुल 4 लाख एक हजार 430 रुपये का भुगतान किया गया.

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ये सर्टिफिकेट उपलब्ध नहीं

इसके बिल सर्टिफिकेट उपलब्ध नहीं है. कार्रवाई करते हुए अनुविभागीय अधिकारी राजस्व ने लिखा कि यह छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993 के अधीन छत्तीसगढ़ पंचायत लेखा नियम 1999 लेखा प्रक्रिया तथा अभिलेख नियम 37 के विपरीत है. सरपंच द्वारा पद पर रहते हुए अपने कर्तव्यों के निर्वहन में लापरवाही बरती गई है, जिसके कारण वह दोषी हैं और उनका पद पर रहना लोकहित में सहीं नहीं है.

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