CG News In Hindi : छत्तीसगढ़ के किसानों ने विरोध जाहिर किया है. किसानों के इस विरोध में शक्कर मिल के मजदूर भी शामिल हैं. जानें किसानों की क्या मांग है ? दरअसल, बालोद जिले का एकमात्र मां दंतेश्वरी मैया सहकारी शक्कर कारखाने के निजीकरण का विरोध प्रारंभ हो गया. इस कारखाने के कर्मचारी संघ ने निजीकरण के खिलाफ प्रस्ताव पास किया. पूरे मामले को लेकर संघ के पदाधिकारियों कि माने तो निजीकरण से कर्मचारियों और किसानों की रोज़ी-रोटी पर संकट आ जाएगा.
'किसानों का नियंत्रण खत्म हो जाएगा'
मजदूरों ने बताया कि इस कारखाने पर करीब 5 सौ अधिक मजदूर 12 सौ गन्ना किसान और उनके परिवारों और गन्ना परिवहन करने वाले ट्रैक्टर मजदूरों की रोज़ी-रोटी निर्भर हैं. इस कारखाना के निजीकरण होने पर किसानों का नियंत्रण खत्म हो जाएगा. केवल लाभ कमाने की मानसिकता हावी हो जाएगी.
'गन्ने का रकबा बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए'
वहीं, मामले पर कारखाना के कर्मचारियों ने कहा कि सरकार को इस कारखाने को निजीकरण के बजाय गन्ने का रकबा बढ़ाने का प्रयास करना चाहिए, जिससे कारखाना सुचारू रूप से चलता रहे. साथ ही मजदूरों ने कहा कि यदि कारखाने का निजीकरण किया गया, तो आगे वे लोग उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होंगे.
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अब क्या होगा अगला कदम ?
आपको बता दें, इससे पहले भी बालोद जिले के इस एक मात्र कारखाने को निजीकरण किए जाने का मामला सामने आ चुका है. मध्यप्रदेश के नरसिंहपुर जिले के एक उद्योगपति को बेचे जाने की खबर के बाद मजदूरों द्वारा लगातार विरोध दर्ज के बाद मामला स्थगित हो गया था. वहीं, फिर एक बार कारखाने के निजीकरण की बात सामने आने के बाद मजदूरों में नाराजगी देखी जा रही है.
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