Child Marriage-Free District: छत्तीसगढ़ के बालोद जिले ने देशभर में एक नई मिसाल कायम की है. जिला प्रशासन और समाज के सभी वर्गों की सहभागिता से बालोद को देश का पहला बाल विवाह मुक्त जिला घोषित किया गया है. पिछले सवा दो वर्षों से जिले में एक भी बाल विवाह का मामला सामने नहीं आने के बाद यह गौरवशाली उपलब्धि हासिल हुई है.
CM ने दी बधाई
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने बालोद प्रशासन और जिलेवासियों को इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर बधाई दी. उन्होंने कहा कि बाल विवाह जैसी कुप्रथा के खिलाफ यह प्रयास पूरे प्रदेश और देश के लिए प्रेरणादायी है. महिला एवं बाल विकास मंत्री लक्ष्मी राजवाड़े ने भी इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त की.
बाल विवाह मुक्त बनाने की प्रक्रिया
जिले के 436 ग्राम पंचायतों और 9 नगरीय निकायों में मई 2023 के बाद से अब तक कोई बाल विवाह का मामला दर्ज नहीं हुआ. इसके बाद सभी ग्राम पंचायतों और नगरीय निकायों में ग्राम सभा बुलाकर प्रस्ताव पारित किए गए, प्रमाण पत्र जारी हुए और आवश्यक कानूनी प्रक्रिया पूरी की गई. इसके साथ ही पूरे बालोद को आधिकारिक रूप से बाल विवाह मुक्त जिला का दर्जा मिल गया.
कलेक्टर का संदेश
कलेक्टर दिव्या उमेश मिश्रा ने इस उपलब्धि पर पूरे जिलेवासियों को बधाई दी. उन्होंने कहा कि यह सफलता प्रशासन, अधिकारी-कर्मचारी, जनप्रतिनिधि और समाज के हर वर्ग की सक्रिय सहभागिता से संभव हुई है। बाल विवाह के खिलाफ बालोद का यह अभियान अब पूरे देश के लिए प्रेरणा बनेगा.
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