CG Elephants News: छत्तीसगढ़ के गरियाबंद से एक खौफनाक खबर सामने आई है. यहां के उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व में हाथी के एक बच्चे ने गलती से पोटाश बम खा लिया. जिससे वो बुरी तरह से घायल हो गया है. इस घटना के सामने आने से वन विभाग में हड़कंप मच गया है. विभाग थर्मल ड्रोन की मदद से उस हाथी के बच्चे की तलाश कर रहा है. 11 नवंबर की शाम छह बजे के करीब बचाव टीम के हाथियों के झुंड के करीब पहुंचने की सूचना है. इस बीच वन विभाग ने जंगल में पोटाश बम लगाने वाले व्यक्ति की सूचना देने वाले को 10 हजार रुपये इनाम देने की घोषणा की है.
घटना बीते 7 नवंबर की है लेकिन जानकारी अब सामने आई है. बताया जा रहा है कि सिकासेर दल के करीब 35 से 40 हाथियों का झुंड सीतानदी वन इलाके में घूम रहा है. इसी बीच वन विभाग को सूचना मिली की कक्ष क्रमांक 324 के जंगल में कई जगहों पर खून के निशान मिले हैं. जिसके बाद वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची तो वहां उसे पोटाश बम का टुकड़ा मिला. जिससे हड़कंप मच गया. आनन फानन में मौके पर सीतानदी टाइगर रिजर्व के उप निदेशक वरुण जैन, CCF वाइल्डलाइफ सतोविशा समाजदार सहित वन विभाग के आला अधिकारी और जंगल सफारी के डॉक्टर मौके पर पहुंचे.
बेहद मार्मिक हैं हालात
वन विभाग के मुताबिक ड्रोन से ली गई तस्वीरों में हाथी के बच्चे का जबड़ा सूजा हुआ और पैर में चोट के निशान दिखाई दिये हैं.ड्रोन से जो तस्वीरें ली गई हैं उसमें दिख रहा है कि घायल हाथी का बच्चा अपने ही सूंड से खुद पर ही पानी डाल रहा है जिससे की उसे राहत मिल सके. वो काफी परेशान दिख रहा है. विभाग को आशंका है कि हाथी के बच्चे ने अनजाने में इस पोटाश बम को खाने की कोशिश की है. जिसकी तलाश कर पहले उसे ट्रैंकुलाइज किया जाएगा फिर उसका समुचित इलाज किया जाएगा. स्थानीय पुलिस थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई गई है.
छोटे-छोटे दलों में बंट गया है हाथियों का समूह
उदंती सीतानदी टाइगर रिजर्व को उप निदेशक वरुण जैन के मुताबिक बम विस्फोट से हाथियों का दल छोटे-छोटे चार दलों में बंट गया. पोटाश बम हाथी के लिए उपयोग किया गया था या जंगली सूअर मारने के लिए इसकी पड़ताल की जा रही है. इससे पहले एसडीओ उदंती गोपाल कश्यप के नेतृत्व में तीन दिनों तक लगातार घायल हाथी की खोज की गई है. ताजा खबर के मुताबिक वन विभाग की टीम हाथी के दल से 500 मीटर की दूरी पर पहुंच गया है. वो हाथियों के पानी पीने के लिए तालाब में उतरने का इंतजार कर रहा है. जिसके बाद छोटे बच्चे को रेस्क्यू किया जाएगा.
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