'अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना' का शुभारंभ, छत्तीसगढ़ के सबसे महंगे स्कूलों में पढ़ सकेंगे श्रमिक के बच्चे 

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में श्रमिक परिवार के बच्चे अब महंगे निजी स्कूलों में पढ़ाई कर सकते हैं. इन स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई का खर्च सरकार वहन करेगी.

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Atal Utkrishta Shiksha Yojana: छत्तीसगढ़ में श्रमिक परिवार के बच्चे भी अब महंगे निजी स्कूलों में पढ़ाई कर सकते हैं. इन स्कूलों में बच्चों की पढ़ाई का खर्च सरकार वहन करेगी. श्रम मंत्रालय द्वारा श्रमिक परिवार के पढ़ाई में अव्वल बच्चों को अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना के तहत राज्य के महंगे निजी स्कूलों में दाखिला दिलाया जाएगा. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राजधानी स्थित मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में श्रम विभाग द्वारा श्रमिक बच्चों के लिए संचालित 'अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना' का शुभारंभ किया.

200 बच्चों को मिलेगा 'अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना' का लाभ

इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने घोषणा की कि अगले शैक्षणिक सत्र से इस योजना का लाभ 200 बच्चों को मिलेगा. सीएम साय ने कहा कि श्रमिक अनेक समाज के हित के लिए कार्य करता है, परंतु अपने परिवार के लिए बहुत कम समय, संसाधन, ऊर्जा और ध्यान दे पाता है. उनके भी सपने होते हैं कि उनके घर के बच्चे पढ़-लिखकर बेहतर जीवन जिएं, ताकि भविष्य में मजदूर का बेटा-बेटी केवल मजदूरी न करें, बल्कि समाज के साथ कदम से कदम मिलाकर आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर, इंजीनियर, चार्टर्ड अकाउंटेंट, वकील और राजनेता बने.

श्रमिक बच्चों को मिलेगा बेहतर शिक्षा

उन्होंने कहा कि इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारंटी के अंतर्गत श्रमिक बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से हमारी सरकार ने छत्तीसगढ़ में 'अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना' प्रारंभ की है. इसके तहत प्रदेश के श्रमिकों के बच्चों को कक्षा छठवीं से बारहवीं तक श्रेष्ठ आवासीय विद्यालयों में निःशुल्क शिक्षा प्राप्त होगी. इनका पूरा खर्च श्रम विभाग द्वारा वहन किया जाएगा.

'यह एक सपना था, जो अब पूरा हो गया'- CM

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से कार्यक्रम के दौरान निर्माण श्रमिकों एवं उनके बच्चों ने मिलकर योजना का शुभारंभ पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना से अब हम अपने बच्चों के भविष्य को लेकर निश्चिंत हो गए हैं. इस योजना के माध्यम से बच्चों को अच्छी शिक्षा और भविष्य संवारने का सुनहरा अवसर मिल गया है. हमारे लिए यह एक सपना था, जो अब पूरा हो गया है.

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14 निजी आवासीय विद्यालयों में कराई जाएगी फ्री शिक्षा उपलब्ध

मुख्यमंत्री साय ने श्रमिकों से चर्चा करते हुए कहा कि निर्माण श्रमिकों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से यह योजना लागू की गई है. योजना के तहत चालू वर्ष में 100 निर्माण श्रमिकों के बच्चों को 14 निजी आवासीय विद्यालयों में निःशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराई जाएगी. इन विद्यालयों में सीबीएसई और आईसीएसई पाठ्यक्रम के माध्यम से बच्चों की पढ़ाई कराई जाएगी.

श्रमिक का बच्चा अधिकारी बने- CM साय

श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि आज श्रम विभाग के सहयोग से श्रमिक परिवारों के 100 बच्चों का दाखिला प्रदेश के 14 निजी आवासीय विद्यालयों में कराया गया है. सरकार की सोच है कि श्रमिक का बच्चा केवल श्रमिक न रहकर अधिकारी बने और देश की सेवा करे. उन्होंने बताया कि श्रम विभाग द्वारा श्रमिकों के बच्चों के लिए निःशुल्क कोचिंग योजना भी संचालित की जा रही है, जिसके निश्चित ही दूरगामी परिणाम सामने आएंगे.

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श्रम विभाग के अंतर्गत चलाई जा रहीं 70 से अधिक योजनाएं 

श्रम मंत्री लखन देवांगन ने कहा कि श्रम विभाग के अंतर्गत तीन मंडल संचालित हैं, जिनमें लगभग 70 से अधिक योजनाएं चलाई जा रही हैं. राज्य सरकार द्वारा पिछले 20 माह में लगभग 600 करोड़ रुपये का लाभ श्रमिकों को डीबीटी के माध्यम से पहुंचाया गया है.

छत्तीसगढ़ भवन व अन्य संनिर्माण कर्मकार कल्याण मंडल के अध्यक्ष डॉ. रामप्रताप सिंह ने कहा कि श्रद्धेय अटल जी के संकल्पों को आगे बढ़ाते हुए सीएम विष्णु देव साय के नेतृत्व में राज्य सुशासन की दिशा में निरंतर आगे बढ़ रहा है. राज्य में लगभग 30 लाख से अधिक पंजीकृत श्रमिक हैं, जिनके बच्चे अच्छे विद्यालयों में नहीं पढ़ पाते थे. उनके लिए "अटल उत्कृष्ट शिक्षा योजना" किसी वरदान से कम नहीं है. इस योजना से श्रमिकों के बच्चों को बेहतर विद्यालयों में पढ़ने का अवसर मिलेगा.

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