Amit Shah Bastar Visit: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा के मुरिया दरबार में शामिल हुए. शनिवार को लगे इस दरबार में मांझी चालाकी ने केंद्रीय गृह मंत्री के सामने कई मांगे रखी, जिन पर केंद्रीय गृह मंत्री ने उनकी समस्या के समाधान का आश्वासन भी दिया. लेकिन इन सब के बीच बस्तर दशहरा के लिए रथ बनाने वाले आदिवासी नाराज नजर आए. अमित शाह से मिलने से रोकने के कारण रथ बनाने वाले आदिवासी नाराज हो गए और उन्होंने अगले साल रथ नहीं बनाने की चेतावनी दी.
दरअसल, विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा का पारंपरिक रथ बनाने वाले आदिवासी कुछ मांगे केंद्रीय गृह मंत्री के सामने रखना चाह रहे थे, लेकिन सुरक्षा कर्मियों और प्रशासन ने मुरिया दरबार में उन्हें शामिल होने की इजाजत नहीं दी. इसके चलते वे नाराज हो गए.
रथ बनाने वाले आदिवासियों के समूह में शामिल बलदेव बघेल ने बताया कि 140 स्थानीय आदिवासी कारीगर परंपरा के तहत बस्तर दशहरा का रथ बनाते हैं. उन्होंने कहा कि “हमारी मांग थी कि इनमें से दो प्रमुख लोगों को मुरिया दरबार में शामिल होने दिया जाए. पिछले वर्षों तक हम दरबार में शामिल होते रहे हैं.”
समूह के अन्य सदस्य कमलू राम ने कहा कि हमारी मांग यह थी कि बस्तर दशहरा के दौरान हमें कलेक्टर तय दर से मानदेय दिया जाए. फिलहाल हमें सिर्फ 1 किलो चावल और एक पाव दाल हर दिन रथ निर्माण के एवज में दिया जाता है. उन्होंने कहा कि “हम यही मांग केंद्रीय गृह मंत्री से करना चाह रहे थे और इसके लिए ज्ञापन भी बनाया था, लेकिन हमें दरबार में जाने का पास नहीं दिया गया. इसके चलते हमारे 140 सदस्यों वाले समूह के लोग नाराज हैं और अगली बार रथ बनाने से इनकार कर रहे हैं,”
अमित शाह का छत्तीसगढ़ दौरा
बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह दो दिवसीय छत्तीसगढ़ दौरे पर शुक्रवार शाम को रायपुर पहुंचे. रायपुर एयरपोर्ट पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने उनका स्वागत किया. दूसरे दिन शनिवार को अमित शाह ने बस्तर दशहरा के मुरिया दरबार में शिरकत की और जनसभा को संबोधित किया.
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