Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग के अंबिकापुर में SECL की अमेरा कोल एक्सटेंशन खदान के विस्तार को लेकर बड़ा हंगामा हो गया. खदान विस्तार का विरोध कर रहे ग्रामीण अचानक उग्र हो गए और लाठी-डंडों, कुल्हाड़ी और गुलेल से लैस होकर पुलिस बल पर हमला कर दिया.
हमले में करीब 40 पुलिसकर्मी घायल बताए जा रहे हैं, जबकि भिड़ंत में कई आंदोलनरत ग्रामीण भी घायल हुए हैं. स्थिति बिगड़ने पर पुलिस अधिकारियों ने मौके पर अतिरिक्त पुलिस बल भेजा है.
तनाव बढ़ता देख प्रशासन ने आंसू गैस के गोले भी मंगवाए हैं. मौके पर पुलिस अधिकारियों के साथ एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट (ADM) भी मौजूद हैं और हालात पर काबू पाने के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं. अमेरा कोल माइंस क्षेत्र में अभी भी तनावपूर्ण माहौल है, और पुलिस स्थिति को नियंत्रित करने में जुटी हुई है.
क्या है पूरा मामला?
छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के अंबिकापुर में स्थित SECL की अमेरा ओपेन कास्ट कोयला खदान के विस्तार को लेकर पिछले कई महीनों से विवाद चल रहा है, जो 3 दिसंबर 2025 को हिंसक रूप ले गया.

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1. खदान विस्तार का विरोध
ग्रामीणों का आरोप है कि जब 20 साल पहले SECL ने इस खदान की शुरुआत की थी, तब मुआवजा, और प्रभावित परिवारों में से एक सदस्य को नौकरी देने का वादा किया गया था. ग्रामीणों का कहना है कि अब SECL अपने पुराने वादों से पीछे हट रहा है, इसलिए वे खदान विस्तार का विरोध कर रहे हैं.
2. बातचीत के दौरान बवाल
3 दिसंबर की सुबह लगभग 10:30 बजे SECL प्रबंधन, जिला प्रशासन, पुलिस अधिकारी, बड़ी संख्या में पुलिस बल
ग्रामीणों से चर्चा करने के लिए पहुंचे, लेकिन बातचीत अचानक विवाद में बदल गई. पहले बहसबाज़ी हुई और फिर देखते-देखते पथराव शुरू हो गया. इसमें लगभग 40 पुलिसकर्मी और 15–20 ग्रामीण घायल हो गए.
3. छात्रा की गिरफ्तारी ने बढ़ाया तनाव
पहला दौर शांत होने के बाद दोपहर करीब 2 बजे स्थिति फिर बिगड़ी, जब प्रशासनिक कार्रवाई के दौरान एक स्कूली छात्रा को हिरासत में लिया गया. इससे ग्रामीणों में भारी आक्रोश फैल गया और भीड़ ने फिर से पुलिस पर पथराव शुरू कर दिया. पुलिस ने भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आँसू गैस के गोले छोड़े, लेकिन ग्रामीण अपने स्थान पर डटे रहे.
4. कोयला चोरी का एंगल
NDTV की पड़ताल में यह भी सामने आया है कि खदान क्षेत्र में प्रतिदिन लाखों रुपए का कोयला चोरी होता है. चोरी स्थानीय ग्रामीण करते हैं. कोयला ईंट-भट्टों में खपाया जाता है. अगर खदान का विस्तार होता है, तो कोयला चोरी लगभग बंद हो जाएगी, जिससे यह नेटवर्क प्रभावित होगा. अधिकारियों का कहना है कि इस वजह से भी कुछ स्थानीय लोग ग्रामीणों को भड़का रहे हैं.
5. SECL का पक्ष
SECL के सुरक्षा अधिकारी अमरेंद्र नारायण का कहना है कि यह भूमि भारत सरकार ने अधिग्रहित कर SECL को दी है. कुछ स्थानीय लोग बहला-फुसलाकर खदान कार्य रोकने की कोशिश कर रहे हैं. कंपनी ने नियमों के अनुसार सब कुछ किया है.
6. पुलिस ने लिया पूरा नियंत्रण
अंबिकापुर पुलिस ने शाम तक पूरे खदान क्षेत्र को कंट्रोल ज़ोन घोषित कर दिया. पिछले 6 महीनों में ग्रामीणों द्वारा किए गए अवैध निर्माण को भी हटाकर क्षेत्र को खाली कराया गया है. हालात तनावपूर्ण हैं और प्रशासन इलाके में लगातार निगरानी रख रहा है.
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