Ambikapur: आदिवासी छात्रों के लिए NEET की FREE कोचिंग शुरू, हिंदी और अंग्रेजी दोनों भाषाओं में कराई जाएगी परीक्षा की तैयारी

Free NEET Coaching in Surguja: सरगुजा जिला प्रशासन ने एक खास पहल की है. यहां के आदिवासी और गरीब बच्चों को फ्री में नीट परीक्षा की तैयारी कराई जा रही हैं. सुबह की पहली क्लास खुद जिला कलेक्टर लेते है.

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जिला कलेक्टर खुद लेते है बच्चों की क्लास

Free Coaching for NEET: कई बार लोग जिला प्रशासन को गलत ठहराते हैं और उनके काम की बुराई करते हैं. लेकिन, छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के एक जिले की प्रशासन ऐसी भी है जो गरीब बच्चों (Poor Children) के लिए फ्री नीट (NEET) की कोचिंग शुरु कर चुका है. आदिवासी बाहुल्य सरगुजा (Surguja) के आदिवासी और गरीब छात्र भी अब आसानी से नीट की परीक्षा की तैयारी कर पाएंगे. इसके लिए सरगुजा जिला प्रशासन (Surguja District Administration) ने नि:शुल्क आवासीय कोचिंग (Residential Coaching) की शुरुआत की. जिला प्रशासन ने जिले में कक्षा 12वीं में पढ़ने वाले और नीट परीक्षा में अपियर हो रहे छात्र-छात्राओं की परीक्षा की तैयारी में मदद करने के लिए बाकायदा सीनियर और लेकचर्र शिक्षकों को पढ़ाने का जिम्मा सौपा है. इसकी हर कोई सराहना कर रहा हैं.

लाखों होती है फिस

अभी के समय में नीट की परीक्षा की तैयारी कराने वाले कोचिंग लाखों में इसके लिए फीस लेते हैं. कई बार तो ये मीडिल क्लास लोगों के लिए भी एफोर्ड करना मुश्किल हो जाता हैं. ऐसे में आदिवासी और गरीब परिवार के छात्र पैसों के अभाव में इस परीक्षा की तैयारी नहीं कर पाते हैं. इसी लिए सरगुजा जिला प्रशासन ने इस बार दो कदम आगे बढ़ कर इन छात्रों को नीट प्रतियोगी परीक्षा के लिए नि:शुल्क कोचिंग की व्यवस्था की है.

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कलेक्टर खुद भी लेते है क्लास

बताया जा रहा कि इस कोचिंग में हर दिन सुबह जिला के कलेक्टर विलास भोस्कर खुद भी आकर छात्रों को पढ़ाते हैं. कोचिंग प्रबंधन का कहना है कि कलेक्टर हर दिन क्लास में होने वाली पढ़ाई की रिपोर्ट लेते है. उन्होंने बताया कि जिले के सभी विकास खंडों से अब कब तक 132 विद्यार्थियों ने कोचिंग हेतु रजिस्ट्रेशन कराया है.

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छात्रों को दी जाएगी और भी सुविधाएं

जिला कलेक्टर ने छात्रों को हॉस्टल से पुलिस लाइन स्कूल तक आने जाने के लिए बस सुविधा उपलब्ध कराने के और पुस्तकें और पाठ्य सामग्री उपलब्ध कराने के लिए जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए है. उन्होंने शिक्षकों से सभी विषयों की बारीकियों, कट ऑफ मार्क्स, माइनस मार्किंग, कुल प्रश्नों की संख्या, विषयावर प्रश्नों की संख्या जैसे विषयों पर विस्तार से चर्चा भी की.

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